काठीकुंड. मूलवासियों ने हमेशा ही शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. न जाने कितनी कुर्बानियां दी है. इस को बरकरार रखना है. अन्याय के खिलाफ संवैधानिक प्रक्रिया के साथ हमेशा हूल के लिए तैयार रहना है. 169वें स्थापना दिवस पर उपस्थित प्रखंड भर ले ग्राम प्रधान के सम्मान समारोह के दौरान यह बातें दुमका सांसद नलिन सोरेन ने कही. श्री सोरेन ने कहा कि अपने अस्तित्व, हक अधिकार पर जब खतरा मंडारने लगा, तो उस वक्त हूल क्रांति के अमर महानायक सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो ने अंग्रजों और शोषणकारियों के खिलाफ 1855 में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. उलगुलान में न जाने कितने आंदोलनकारियाें ने आदिवासी मूलवासी ने अपने प्राणों को आहूति दी. कहा कि वर्तमान समय में फिर से शोषणकारी प्रवृति के लोग अपना वर्चस्व दिखाने को आतुर है. पर ग्रामसभा को सशक्त रखते हुए हमें दमनकारी प्रवृत्तियों के खिलाफ अपना हूल जारी रखना होगा, उन्होंने ग्रामसभा का सशक्त रखने पर जोर दिया. झामुमो नेत्री सह जिप अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने कहा कि सिदो-कान्हू के हूल से हमने आजीवन प्रेरणा लेकर उनके रास्तों पर चलने की जरूरत है. सांसद प्रतिनिधि जोन सोरेन ने कहा कि अब शोषक प्रवृति शोषण करने की नीति में बदलाव कर रही है. एक-दूसरे को लड़ा कर, विकास से दूर रखकर, गलतफहमियां पैदा कर वो शोषण करने में जुटे हैं. कार्यक्रम का संचालन जेएमएम प्रखंड सचिव सिमोन टुडू ने ने किया. मौके पर प्रवक्ता अब्दुस सलाम, प्रखंड कोषाध्यक्ष गौरीशंकर भगत, मीडिया प्रभारी कलीम अंसारी, विमल सोरेन, दुलाल बेसरा, दूरबीन, बालकिशोर, सलीम अंसारी आदि मौजूद थे.
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