प्रतिनिधि, जादूगोड़ा दिशोम जाहेरगाढ़ नरवापहाड़ की ओर से सीडीसी (नरवापहाड़) में ओल गुरु पं रघुनाथ मुर्मू की 119वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में यूसिल नरवापहाड़ के डीजीएम सह एचओडी मनोरंजन माहली उपस्थित थे. उन्होंने बताया कि संताली भाषा भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हैं. उसकी लिपि ओलचिकी होना बहुत गर्व की बात है. उन्होंने ओलचिकी लिपि के महत्व को समझते हुए कहा कि लिपि बहुत सरल व प्रकृति से जुड़ा हुआ है. मौके पर लोक संगीत अकादमी से नवाजे गए शिक्षाविद समाजविद दुर्गा प्रसाद मुर्मू ने कहा कि मैं खुश नसीब और गर्व महसूस करता हूं कि ओलचिकी लिपि के जनक पं रघुनाथ मुर्मू के साथ इस ओलचिकी लिपि का अध्ययन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. मौके पर मांझी बाबा बिरेन टुडू, माइंस मैनेजर एस टेमबड, खोमराज परगानिया, बैंक अधिकारी भुगलु मुर्मू, सागर टुडू, दिलिप मुर्मू, सलखु मुर्मू, फुदन मार्डी, मानसिंह किस्कु, दिनेश टुडू, मुचिराम सोरेन, सोनाराम हांसदा, गुरुवारी सरदार, लक्ष्मी टुडू आदि मौजूद थीं.
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