गालूडीह. घाटशिला प्रखंड में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है. इसका उदाहरण दारीसाई-पुतड़ू आंगनबाड़ी केंद्र है. यहां एक कमरे में अस्पताल और आंगनबाड़ी दोनों चलता है. यह स्थिति 10 साल से है. दरअसल, खड़िया कॉलोनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का अपना सरकारी भवन नहीं है. पहले पुतड़ू गांव निवासी हर मोहन महतो के खपरैल घर पर भाड़े में कई साल अस्पताल चला. किराया नहीं मिलने पर अपना घर खाली करवा दिया. वर्ष 2015 में पूर्व सिविल सर्जन के निर्देश पर पुतड़ू आंगनबाड़ी केंद्र में अस्पताल को शिफ्ट कर दिया गया. दस साल से एक कमरे में एक तरफ आंगनबाड़ी की सेविका-सहायिका बच्चों को जमीन पर बैठा कर पढ़ाती हैं, तो दूसरी तरफ एक कोने पर टेबुल कुर्सी लगाकर चिकित्सक और एएनएम मरीजों का इलाज करते हैं. इससे दोनों को परेशानी होती है. बच्चों को पोषाहार केंद्र के बाहर बरामदे में बैठा कर खिलाया जाता है. यहां पदस्थापित चिकित्सक में प्रति दिन नहीं आते हैं. एएनएम के भरोसे पीएचसी चलता है. जिस आंगनबाड़ी में पीएचसी चलता है, उसके बगल में दारीसाई सबर बस्ती है. यहां कई सबर परिवार बीमारी से मारे गये थे. कई सबर परिवारों में कोई चिराग जलाने वाला नहीं है. वर्ष 2015 में पूरा जिला प्रशासन दारीसाई पहुंचा था. महीनों जांच हुई थी. कई दावे-वायदे किये गये, पर कुछ नहीं हुआ. उसी वक्त पीएचसी को आंगनबाड़ी में शिफ्ट किया गया था.
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