जमशेदपुर. पोटका प्रखंड की जामदा पंचायत में शौचालय निर्माण के घोटाले के आरोप में कोवाली पुलिस ने सात साल बाद तीन जलसहिया को शुक्रवार रात गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. गिरफ्तार जलसहिया में उलानसाई की अंजना दास, जामदा की काजल मंडल और खांडदेवली की बसंती मुंडा शामिल है. जानकारी के अनुसार, वर्ष 2018 में जामदा पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के तहत 402 शौचालयों के निर्माण के लिए 48.25 लाख की राशि उपलब्ध करायी गयी थी. इसमें 22.20 लाख रुपये खर्च किये गये. बाकी का हिसाब पंचायत द्वारा नहीं दिया गया. इसे लेकर आरटीआइ कार्यकर्ता दिनेश महतो ने झारखंड सरकार के लोकायुक्त रांची से शिकायत की थी. इसके बाद मामले की जांच की गयी, जिसमें शिकायत सही पायी गयी. मामले में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग आदित्यपुर के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता संतोष मनी के बयान पर 7 अगस्त 2018 को कोवाली थाना में ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के अध्यक्ष सह मुखिया सुशील सरदार एवं जलसहियाओं पर मामला दर्ज किया गया था. मुखिया सुशील सरदार को गिरफ्तारी के बाद जमानत मिल गयी, जबकि फरार आरोपियों में तीन जलसहियों को कोवाली थाना प्रभारी धनंजय पासवान ने सात साल बाद गिरफ्तार कर जेल भेजा. गिरफ्तारी के बाद बाकी जलसहियाओं में हड़कंप मच गया है. थाना प्रभारी पासवान ने कहा कि बाकी आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
पांच मुखिया समेत जलसहिया पर दर्ज हुआ था मामला
आरटीआइ कार्यकर्ता दिनेश महतो की शिकायत पर पोटका प्रखंड की पांच पंचायतों में शौचालय निर्माण में घोटाला का मामला सामने आया था. इसमें पोटका, कोवाली एवं जादूगोड़ा थाना में प्रखंड के पांच तत्कालीन मुखिया मानपुर के तारणी सेन सिंह सरदार, शंकरदा के कापरा हांसदा, कोवाली की सुचित्रा सरदार, जामदा के सुशील सरदार एवं कुलडीहा के लक्ष्मीचरण सिंह समेत जलसहियाओं पर 1.55 करोड़ रुपये के गबन का मामला दर्ज किया गया था. मामले में सभी मुखिया को गिरफ्तार कर लिया गया था. सभी बेल पर हैं. साथ ही कई जलसहिया को भी गिरफ्तार किया गया था, इसमें अधिकतर ने बाहर से ही बेल करवा लिया था.