चाकुलिया. चाकुलिया में 108 एंबुलेंस सेवा पूरी तरह से चरमरा गयी है. इसका दंश सोमवार की सुबह डेढ़ वर्षीय बालक को भुगतना पड़ा. दरअसल, चाकुलिया की कुचियाशोली पंचायत स्थित रसपाल गांव में सोमवार की सुबह डेढ़ वर्षीय बालक नैतिक सोरेन घर के पास डोभा में गिर गया. डूब रहे बच्चे पर मां की नजर पड़ गयी. बच्चे की मां जोर-जोर से शोर मचाने लगी. पड़ोसी गोपाल मुर्मू ने डोभा में छलांग लगाकर बच्चे को बाहर निकाला. बच्चा बेहोश हो गया था. बच्चे को उल्टा झूलाने पर सांस चलने लगी. उसे चाकुलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. डॉक्टर सुषमा नाग ने प्राथमिक इलाज कर झाड़ग्राम रेफर कर दिया. यहां एंबुलेंस को तैयार होने में 2 घंटे का समय लग गया. बच्चे की हालत बिगड़ती ही जा रही थी. 2 घंटे बाद एक एंबुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था कर बच्चे को झाड़ग्राम अस्पताल भेजा गया.
15 मिनट बाद संपर्क करें, कह कर कटता रहा फोन
स्थानीय निवासी प्रशांत सिंह ने बताया कि सुबह से कई बार 108 एंबुलेंस के लिए मोबाइल से फोन लगाया गया. हर बार 15 मिनट के बाद संपर्क करने की बात कह कर फोन काट दिया गया. लगभग एक घंटा बाद एंबुलेंस आयी, तो चालक ने जाने से इनकार कर दिया कि उनके पास मेडिकल टेक्नीशियन नहीं है. फिर से 108 पर संपर्क करने पर लगभग 2 घंटे बाद एक एंबुलेंस आयी. इसमें ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध नहीं थी. डॉक्टर ने अस्पताल से ऑक्सीजन उपलब्ध कराया, तब जाकर बच्चे को अस्पताल भेजा जा सका. इस लापरवाही के कारण मरीज के परिजन व स्थानीय लोगों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. हाल के दिनों में एंबुलेंस की अव्यवस्था के कारण मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
दादा के पास खेल रहा था बच्चा
बच्चे के पिता दुखु सोरेन ने बताया कि वह सुबह उठकर खेतों की ओर चला गया. अपने पिता पहाड़ सोरेन के पास बच्चे को छोड़ दिया था. किसी काम से पहाड़ जैसे ही घर के भीतर घुसे. बालक रेंगते हुए घर के समीप डोभा में गिर गया.
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