गालूडीह.दो फरवरी को मनायी जाने वाली सरस्वती पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं. गालूडीह के महुलिया आंचलिक दुर्गा मंडप परिसर में उपरडांगा के मूर्तिकार इस बार करीब 100 मां सरस्वती की मूर्तियां बनाये हैं, जिसे वे अंतिम रूप में देने में जुटे हैं. मूर्तिकार दो फीट से लेकर छह फीट तक मां सरस्वती की मूर्तियां बनाये हैं. स्थानीय मूर्तिकार श्रद्धालुओं की अग्रिम बुकिंग को लेकर व्यस्त हैं, ताकि वे तय तिथि तक मूर्तियों को अंतिम रूप दे सकें. हालांकि, कड़ाके की ठंड और सूरज न निकलने के कारण उन्हें कुछ समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है.
सरस्वती पूजा का अधिक इंतजार रहता है : मूर्तिकार
गालूडीह के मूर्तिकार विकास दलाई और बंकेश दलाई ने बताया कि मां सरस्वती की पूजा अधिक होने से मुनाफा हो जाता है. अन्य पूजा में तो मूर्तियों की मांग अब काफी कम हो गयी है. साल भर में सरस्वती पूजा का अधिक इंतजार रहता है. क्योंकि स्कूलों, क्लबों, कोचिंग सेंटरों में मां सरस्वती पूजीं जाती है. इसलिए मूर्तियों की मांग अधिक रहती है. हालांकि पहले की तुलना में वर्तमान में मूर्तिकारों की स्थिति दयनीय हो गयी है. अबतक 50 प्रतिशत से भी कम ऑर्डर मिले हैं. हम अभी भी पुरानी परंपराओं को आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन लागत और मेहनत के अनुसार मुनाफा नहीं मिलता. कभी-कभी मूर्ति बन जाने के बाद वह बिक नहीं पाती, जिससे नुकसान उठाना पड़ता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है