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East Singhbhum : चाकुलिया में नहर निर्माण के लिए साल व बांस के सैकड़ों पेड़ काट दिये, ग्रामीणों ने काम रोकवाया

मुढाल साल जंगल में भूमिगत नहर निर्माण के लिए हो रही खुदाई, हाथियों का पसंदीदा भोजन बांस के पौधों को पहुंचाया नुकसान, ग्रामीणों का विरोध

चाकुलिया. चाकुलिया के मुढाल गांव में भूमिगत नहर निर्माण कार्य को गुरुवार को ग्रामीणों ने बंद करा दिया. भाजपा नेता सह पूर्व जिप सदस्य सुनाराम हांसदा के नेतृत्व में ग्रामीण मुढाल के साल जंगल में भूमिगत नहर निर्माण के लिए हो रही खुदाई स्थल पर पहुंचे. संवेदक ने खुदाई के दौरान जंगल में साल के बड़े-बड़े पेड़ों की कटाई कर दी है. बांस के हजारों पौधों को काट कर बर्बाद कर दिया गया है. इससे ग्रामीण नाराज दिखे. कार्य स्थल पर गड्ढा खोद रहे कर्मियों को काम करने से मना कर दिया.

वन सुरक्षा समिति के सचिव जगत शिकारी मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि जंगल के बीच गड्ढा खुदाई व पेड़ों की अवैध तरीके से कटाई के बारे में वनरक्षी से पूछा. उन्होंने वन विभाग से एनओसी दिये जाने की बात कही है.

हाथियों के उत्पात से भी सीख नहीं ले रहा विभाग

दूसरी ओर वन सुरक्षा समिति के अध्यक्ष बारिंद्र गिरि ने कहा कि इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. जंगल को बचाने के लिए उनकी टीम दिन-रात मेहनत करती है. विकास के नाम पर विभाग से मिलीभगत कर संवेदक साल जंगलों को उजाड़ रहा है. जंगल के भीतर बांस के पौधों को उजाड़ दिया गया. हाल के दिनों में लोगों ने जंगली हाथियों का आतंक देखा है. इसके बावजूद विभाग ने सीख नहीं ली है. संवेदक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि बांस के पौधे जंगली हाथियों का पसंदीदा भोजन है. इसके बावजूद संवेदक ने काटकर समाप्त कर दिया गया. साल के दर्जनों पेड़ों को काटकर गिरा दिया है, जो गलत है.

हाथियों के आश्रय को उजाड़ने का प्रयास : सुनाराम

पूर्व जिप सदस्य सह भाजपा नेता सुनाराम हांसदा ने कहा कि बिरसा मुंडा व सिदो-कान्हू की धरती पर संवेदकों ने जंगली हाथियों के आश्रय स्थल साल के घने जंगलों को उजाड़ने का काम किया है. जानकारी मिली कि राधे कंस्ट्रक्शन कंपनी भूमिगत नहर निर्माण कार्य कर रही है. इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. मौके पर सुकुमार महतो, सीतेन गिरी, रोबिन कर्मकार, अरुन गिरी, देवदत्त बेरा, देवनारायण हांसदा, ओमप्रकाश गोस्वामी आदि उपस्थित थे.

सड़क के लिए एक पेड़ नहीं काटने दिया गया था

साल जंगल में विकास के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है. वहां से थोड़ी दूर मुख्य सड़क के बीच साल का एक विशाल पेड़ है. पूर्व जिप सदस्य सुनाराम हांसदा ने बताया कि सड़क के बीच रहने के बावजूद पेड़ को काटने नहीं दिया गया. पर्यावरण संरक्षण को लेकर क्षेत्र के लोग गंभीर हैं. इसके विपरीत साल के दर्जनों पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है. विभाग मौन है.

रैयती जमीन बांस और पोटाश के पेड़ काटे, सीओ से शिकायत

भूमिगत नहर निर्माण में जुटी राधे कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ क्षेत्र के ग्रामीणों ने सीओ से शिकायत की है. ग्रामीणों ने बताया कि उनकी पुश्तैनी जमीन पर ठेकेदार ने जबरन जेसीबी मशीन के सहारे खुदाई की है. उनके बांस के सैकड़ों व पोटाश के लगभग डेढ़ हजार वृक्ष को काट कर गिरा दिया गया. ठेकेदार ने इसका मुआवजा भी नहीं दिया. सीओ से इस मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की गयी. सीओ से शिकायत करने वालों में शुभेंदु गिरि, उत्पलेंदु गिरी, पुलकेंदू गिरि, सनत गिरि, सुखेंदु गिरि, अजीत गिरि आदि शामिल है.

–कोट–

पेड़ काटने की अनुमति नहीं दी गयी है. मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.

– दिग्विजय सिंह, रेंजर, चाकुलिया

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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