गालूडीह.झारखंड-बंगाल सीमा से सटे बीहड़ पहाड़ और जंगलों में कई दिनों से बाघ नहीं दिखा है. दरअसल, बाघ चांडिल अनुमंडल (सरायकेला-खरसावां) के नीमडीह क्षेत्र में पहुंच गया है. वन विभाग के अनुसार, बाघ वापस बंगाल लौटने लगा है. इससे घाटशिला के बीहड़ गांवों के लोग अब जंगल जाने लगे हैं. अपने मवेशियों को चरने के लिए खोलने लगे हैं.
सीमावर्ती इलाकों में गश्त जारी
हालांकि, घाटशिला वन क्षेत्र पदाधिकारी विमद कुमार के नेतृत्व में वनरक्षी लगातार सीमावर्ती इलाकों में गश्त कर रहे हैं. कहीं से बाघ का ट्रेस नहीं मिल रहा है. अब धीरे-धीरे ग्रामीणों से बाघ का खौफ खत्म हो रहा है और लोगों राहत की सांस ली है. अब डुमकाकोचा, मिर्गीटांड़, बासाडेरा, डाउनमारी, झाटीझरना के लोग जंगल जाने लगे हैं. वहीं किसान अपने मवेशियों को चरने के लिए खोलने लगे है. बच्चों की संख्या में भी स्कूलों में बढ़ने लगी है. जब बाघ का खौफ था को लोग डरे-सहमे थे. पर अब वैसी स्थिति सीमावर्ती बीहड़ गांवों में नहीं है. स्थिति सामान्य हो गयी है. इससे वन विभाग को राहत मिली है.
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