19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वादा निभाओ स्थायी करो अभियान के तहत 300 मनरेगा कर्मी हड़ताल पर

जिले के 300 मनरेगा कर्मी हड़ताल पर

वादा निभाओ-स्थायी करो अभियान के तहत गढ़वा जिले में संविदा पर काम करनेवाले करीब 300 मनरेगा कर्मचारी गुरुवार से सांकेतिक हड़ताल पर चले गये. इससे गढ़वा जिले में मनरेगा से संबंधित सभी कामकाज ठप हो गये. हड़ताल अवधि में कर्मियों ने मनरेगा कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष बसंत सिंह की अध्यक्षता में गढ़वा के गोविंद उवि के मैदान में धरना भी दिया. प्रदेश प्रवक्ता अभिमन्यु तिवारी एवं जिलाध्यक्ष बसंत सिंह ने बताया कि झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के आह्वान पर यह आंदोलन शुरू किया गया है. झारखंड सरकार ने उनसे सेवा स्थायी करने का वादा किया था. कार्यकाल पूरा होने चला है, पर अभी तक वादा पूरा नहीं किया जा सका है. उन्होंने कहा कि मनरेगा की योजनाओं को धरातल पर उतारने वाले कर्मियों के साथ सौतेला सलूक किया जा रहा है. उनकी मांग नहीं सुनी जा रही है. ऐसे में हड़ताल पर जाने के सिवा कोई विकल्प नहीं रह गया था. 22 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल : उन्होंने बताया कि गढ़वा जिले के करीब 300 मनरेगाकर्मी एक साथ हड़ताल पर चले गये हैं. उन्होंने बताया कि दो दिनों की उनकी सांकेतिक हड़ताल के बाद भी मांगे पूरी नहीं हुई तो वे सभी 22 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. उन्होंने कहा कि उन सभी ने अपनी मांगों को लेकर बीते महीने में मुख्यमंत्री आवास, झामुमो केंद्रीय कार्यालय और जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था. पर सरकार की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया. उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान संविदा संवाद कार्यक्रम में हेमंत सोरेन ने मनरेगा कर्मियों की सेवा स्थायी करने का वादा खुले मंच से किया था, लेकिन पांच साल बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है. क्या है मांग : बताया गया कि संघ की प्रमुख मांग सेवा स्थायी करने की है. इसके अलावे मनरेगा कर्मियों को मिलने वाले मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि करने सहित अन्य मांग शामिल है. जो कर्मी हड़ताल पर गये हैं उनमें रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता व बीपीओ शामिल हैं. ये काम होंगे प्रभावित : गढ़वा जिले में वर्तमान समय में मनरेगा के तहत बिरसा हरित आम बागवानी, बिरसा सिंचाई संवर्धन कूप, वीर पोटो हो खेल मैदान, अबुआ आवास योजना, मेड़बंदी सहित अन्य योजनाएं चल रही हैं. ये सभी योजनाएं प्रखंड स्तर पर नियुक्त मनरेगा कर्मियों की देखरेख में संचालित हैं. मनरेगा कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से मजदूरों का डिमांड नहीं लगा, उनका मजदूरी भुगतान प्रभावित हुआ, मापी पुस्तिका का संधारण नहीं किया गया, योजना की जांच नहीं की गयी तथा कार्यालय में मनरेगा कर्मी के नहीं पहुंचने से आम लोगों की रोजाना की समस्या का भी समाधान नहीं हुआ.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें