भवनाथपुर थाना के अरसली गांव में मंदिर परिसर का जमीन संबंधी विवाद सुलझाने गये बीडीओ नंदजी राम व ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया. आक्रोशित ग्रामीणों ने मौके से जाने का प्रयास कर रहे बीडीओ का वाहन घेर लिया तथा करीब आधे घंटे तक उन्हें रोके रखा. थाना प्रभारी रजनी रंजन के समझाने के बाद ग्रामीणों ने बीडीओ को गांव से जाने दिया. मामला मंगलवार की शाम का है. अंतत: ग्रामीण दुर्गा पूजा के बाद भूमि विवाद का मामला निष्पादित किये जाने की मांग पर सहमत हो गये. विदित हो कि मंगलवार की शाम में बीडीओ नंदजी राम और भवनाथपुर थाना प्रभारी रंजनी रंजन अरसली गये थे. वहां ग्रामीण बीडीओ से मंदिर परिसर का भूमि विवाद तुरंत सुलझाने की मांग कर रहे थे. जबकि बीडीओ का कहना था कि इसका निष्पादन वह पूजा के बाद करेंगे. इसपर ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और अविलंब मामले का निष्पादन करने की मांग करने लगे. इसे लेकर बीडीओ को मंदिर के पास करीब आधे घंटे तक घेरे रखा और जाने से रोक दिया. बाद में थाना प्रभारी श्री रंजन के के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हो गये.
मंदिर की चाबी बीडीओ को देने लगे : ग्रामीण पुजारी उपेंद्र चौबे से मंदिर का ताला बंद करवा कर चाबी बीडीओ को देने लगे. लेकिन बीडीओ चाबी लेने से इंकार करते हुए तेजी से अपनी सरकारी गाड़ी में बैठ कर जाने लगे. इससे आक्रोशित ग्रामीण उन्हें घेर कर मामले को तुरंत सुलझाने की मांग करने लगे. इसी क्रम में माहौल काफी गरमा गया. इस कारण करीब एक घंटा तक मंदिर का पट भी बंद रहा.
पूजा के बाद होगा समाधान : थाना प्रभारीइस संबंध में थाना प्रभारी रजनी रंजन ने कहा कि उन्होंने दुर्गा पूजा के बाद मामला निबटाने का आश्वासन दिया है. इसके बाद मामला शांत हो गया है.
मंदिर की जमीन मेरी, कागजात है : नंदू सेठनंदू सेठ ने कहा कि वह भी हिंदू हैं. पूजा पाठ में उनकी भी विशेष आस्था रहती है. उन्होंने मंदिर के पूजा अर्चना को कभी बाधित नहीं किया है. लेकिन अभी पूजा के आयोजन को लेकर लगाया जा रहा पंडाल उनके दरवाजे से दो फीट हटाकर लगाने को कहा था. लेकिन मुखिया का चुनाव लड़ने में रुचि रखने वाले कुछ लोग इसे राजनीतिक रंग देकर उन्हें बदनाम करना चाह रहे हैं. मंदिर परिसर की जमीन उनकी है. इसके कागजात उसके पास है.
मामले का निष्पादन तुरंत संभव नहीं था : बीडीओबीडीओ नंद जी राम ने बताया कि मंदिर की जमीन संबंधी शिकायत के आलोक में वह वहां गये थे. वहां उन्होंने इस मामले का निष्पादन पूजा के बाद करने को कहा था. लेकिन ग्रामीण तुरंत समाधान चाह रहे थे, जो संभव नहीं था. अभी दुर्गा पूजा का माहौल है.
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