सावन की पहली सोमवारी के अवसर पर जिले के सभी शिवालयों में जलाभिषेक व पूजन किया गया. सावन शुरू होते ही सभी शिवालयों में घंटी व शंख ध्वनि के बीच हर-हर महादेव के जयकारे से पूरा वातावरण गूंज रहा था. सभी शिवालयों को पूरी तरह से सजाया गया था. गढ़वा शहर के चिनिया रोड शिव मंदिर, निमिया स्थान शिव मंदिर, जुड़वनिया मंदिर, शिवढोढ़ा शिव मंदिर, सहिजना बाबा सोमनाथ मंदिर, वन परिसर स्थित शिव मंदिर सहित विभिन्न शिवालयों में सुबह से ही जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. इस दौरान कई मंदिरों में श्रद्धालु रूद्राभिषेक कराते देखे गये. भक्तगण बारी-बारी से भगवान शिव के चरणों में जल चढ़ा कर अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे थे. इस दौरान कई मंदिरों में श्रद्धालुओं ने रुद्राभिषेक कराया. सावन के महीने में इसका विशेष महत्त्व है. श्रद्धालुओं ने पूरी भक्ति और आस्था के साथ भगवान शिव की आराधना की और जलाभिषेक किया. भक्तों की भीड़ और उत्साह से पूरा माहौल शिवमय हो गया था. शिवालयों में पूजन और अभिषेक के दौरान भक्तों ने विशेष मंत्रोच्चारण और भजन-कीर्तन के माध्यम से भगवान शिव की महिमा का गुणगान किया. सावन के इस पवित्र महीने में हर-हर महादेव के जयकारे और शिवभक्ति की गूंज से समूचा क्षेत्र भक्तिमय हो उठा. श्रद्धालुओं ने भगवान शिव से अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की. जलाभिषेक के दौरान शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, और बेलपत्र अर्पित किये गये. इसके साथ ही भक्तों ने धूप, दीप, और नैवेद्य के साथ भगवान शिव की पूजा-अर्चना की. मंदिरों की कमेटियों ने श्रद्धालुओं की सुविधा का इंतजाम किया था. ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े. इस अवसर पर पूरे शहर में एक विशेष उत्सव का माहौल था. जहां हर कोई शिवभक्ति में तल्लीन दिखा.
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