गढ़वा. सदर अस्पताल इन दिनों भगवान भरोसे चल रहा है. अस्पताल के ओपीडी से चिकित्सकों के लगातार गायब रहने पर आये दिन मरीज व उनके परिजन हंगामा करते हैं. अस्पताल आये गरीब मरीजोंं व उनके परिजनों को अस्पताल की बदहाल व्यवस्था के कारण वापस लौटना पड़ता है. मंगलवार 26 नवंबर को ओपीडी में सुबह से चिकित्सक गायब थे. इस दौरान मरीज चिकित्सक के आने के इंतजार में पर्ची लेकर घंटों लाइन में लगे रहे. लेकिन ओपीडी में चिकित्सक नहीं पहुंचे. ऐसा यहां पहली बार नहीं बल्कि अक्सर होता है. सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड व इमरजेंसी में चिकित्सक गायब रहते हैं. इस बात को लेकर कई बार हंगामा भी हो चुका है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन कोई सुधार नहीं कर रहा. इधर इसका खामियाजा मरीजों और उनके परिजनों को भुगतना पड़ता है. प्रशासन का निर्देश भी बेअसर उपायुक्त के निर्देश पर कुछ दिनों पूर्व एसडीओ ने सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने सदर अस्पताल में कई खामियां पायी थी. इसके बाद एसडीओ संजय कुमार पांडेय ने सिविल सर्जन को सदर अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिये थे. इसके बाद कुछ दिनों तक स्थिति में सुधार हुआ, लेकिन फिर अस्पताल की स्थिति पहले जैसी हो गयी. दवा का भी अभाव : सदर अस्पताल में दूर दराज से आये मरीजों को चिकित्सक एवं दवा के अभाव में निराश लौटना पड़ता है. कई बार चिकित्सकों की अनुपस्थिति के कारण प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत तक हो चुकी है. चिकित्सक को जरूरी काम आ गया था : सिविल सर्जन इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि सात नंबर ओपीडी के चिकित्सक को अचानक जरूरी काम आ जाने के कारण वह ड्यूटी पर नहीं आ सके. उन्होंने स्वीकार किया कि ओपीडी का समय सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक है, लेकिन इस दौरान सात नंबर ओपीडी में कौन चिकित्सक बैठेंगे, इसकी तैयारी पहले से नहीं की गयी थी. इसी कारण ड्यूटी में विलंब हुआ. सिविल सर्जन ने कहा कि सदर अस्पताल के उपाधीक्षक छुट्टी पर थे. इस वजह से प्रभारी उपाधीक्षक डॉ अमित कुमार को दो बजे उपाधीक्षक का चार्ज सौंपा गया. इसके बाद उन्हें तत्काल ओपीडी में ड्यूटी पर बैठाया गया.
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