धुरकी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे कनहर नदी तट के आसपास के गांवों में हाथियों के कारण ग्रामीणों की नींद हराम हो गयी है. किसानों को अपनी फसल बचाने में काफी परेशानी हो रही है. विदित हो कि कनहर के तटीय इलाके में हाथियों का झुंड करीब 10 दिनों से विचरण कर रहा है. हाथी जंगल से रात मे निकलकर आसपास के गांव के किसानों की खेती नष्ट कर दे रहे हैं.
गत बुधवार की रात खुटिया गांव में चार किसानों के खेतों में लगी फसल को हाथियों ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया और रात में ही कनहर नदी की ओर जंगल में चल गये. इससे इन किसानों को काफी नुकसान हुआ है. इस संबंध में भुक्तभोगी किसान पूर्व मुखिया लक्ष्मण प्रसाद यादव, रामजी प्रसाद यादव, विचार कोरवा व रामवृक्ष यादव ने बताया कि उन लोगों को करीब सात एकड़ में लगी तिल, अरहर, मक्का व सावां घास की खेती हाथियों ने नष्ट कर दी. इसकी सूचना उन लोगों ने वनपाल को दी है.
उल्लेखनीय है कि प्रखंड क्षेत्र में करीब 10 दिनों से घूम रहे हाथियों के झुंड ने अब तक कई किसानों की करीब 20 एकड़ खेत में लगी फसल को नुकसान पहुंचाया है. किसानों का कहना है कि इसके पूर्व प्रखंड क्षेत्र के किसान जहां नीलगाय से फसल को हो रहे नुकसान से परेशान थे. वहीं अब उनकी चिंता क्षेत्र में विचरण कर रहे हाथियों को लेकर हो गयी है. किसान रात में अपनी खेती के अलावा जान-माल की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित रहते हैं. उन्होंने उनके क्षेत्र से हाथियों को भगाने के लिए कोई मुकम्मल व्यवस्था करने की मांग की है.