भवनाथपुर. भवनाथपुर उत्तरी वनक्षेत्र अंतर्गत बरवारी सुरक्षित वन क्षेत्र के चरकी पहाड़ पर इन दिनों पत्थर माफिया बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से पत्थर का उत्खनन कर रहे हैं. पत्थर के अवैध उत्खनन से जहां पहाड़ के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है, वहीं सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है. विदित हो कि बरवारी सुरक्षित वन क्षेत्र में पत्थर माफिया बेखौफ होकर पहाड़ से पत्थर निकाल कर संवेदकों को बेच रहे हैं. सड़क निर्माण में इसका उपयोग हो रहा है. उल्लेखनीय है कि झगराखांड से बरवारी तक मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बिरसा नगर होते हुए सड़क का निर्माण किया जा रहा है. सड़क निर्माण में लगे ठेकेदार पत्थर माफिया से कम दामों में पत्थर खरीद कर सड़क, इसपर बननेवाले पुल, पुलिया व कलवर्ट निर्माण में इसका उपयोग कर रहे हैं. सड़क निर्माण के दौरान सावधानी भी नहीं बरती जा रही. जेसेबी से सड़क किनारे के पेड़ भी गिरा दिये जा रहे हैं. इससे पर्यावरण का नुकसान हो रहा है. वन विभाग ने प्राथमिकी दर्ज की पत्थर के अवैध उत्खनन की सूचना मिलने पर वन क्षेत्र पदाधिकारी प्रमोद कुमार के निर्देश पर वनपाल अनिल कुमार गिरि और वनरक्षी राकेश कुमार ने वन कर्मियों के साथ छापेमारी की. इस दौरान पहाड़ पर बड़े पैमाने पर उत्खनन किया गया पत्थर पाया गया. वन विभाग ने यह पत्थर जब्त कर लिया है. इस मामले में वन विभाग ने पत्थर उत्खनन करनेवाले तथा बेचने वाले बरवारी निवासी रामचंद्र कोरवा और उसकी पत्नी बसंती देवी पर वन अधिनियम 1972/33 की धारा वन-बी के तहत मामला दर्ज किया है. इसमें और लोग भी संलग्न हैं. वन विभाग इनका सत्यापन कर रहा है. साबित होने पर इनपर भी प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. पेड़ काटने के मामले में भी होगी कार्रवाई : वनपाल वनपाल अनिल कुमार गिरि ने बताया कि रामचंद्र कोरवा तथा उसकी पत्नी बसंती देवी दोनों मिलकर दिन भर पत्थर का उत्खनन करते थे और रात में अपने ही ट्रैक्टर पर उसे लादकर संवेदक को बेचते थे. सड़क किनारे के हरे पेड़ काटे जाने के मामले में ठेकेदार ने कहा कि यदि वन क्षेत्र में पड़ने वाले क्षेत्र से पेड़ गिराया गया होगा, तो ठेकेदार पर भी कार्रवाई की जायेगी.
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