हिंदी दिवस पर जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त शेखर जमुआर की अध्यक्षता में समाहरणालय के सभाकक्ष में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त श्री जमुआर, पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडेय, जिला शिक्षा अधीक्षक सह अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अनुराग मिंज व बीइइओ रंभा चौबे ने किया. श्री जमुआर ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह वह दिन है, जिस दिन भारत की संविधान सभा द्वारा हिंदी को हमारी आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था. काफी संघर्ष के बाद हिंदी को हमारे देश की राजभाषा घोषित किया गया. उन्होंने कहा कि 14 सितंबर को पूरे विश्व में हिंदी दिवस के रूप में चिह्नित किया गया है. हिंदी भाषा का प्रसार न सिर्फ भारत देश में, बल्कि पूरे विश्व में हुआ है. उपायुक्त श्री जमुआर ने कहा कि जिस प्रकार हम सब अपनी विरासत एवं संस्कृति को बचाकर रखना चाहते हैं, ठीक उसी प्रकार हमें अपने मातृभाषा हिंदी को भी संयोजित-संरक्षित करने की आवश्यकता है. आज के दौर में विश्व के बड़े-बड़े नेता भी हिंदी में बात करते हैं.
हिंदी में कई भाषाओं के शब्दों का समावेश : अन्य वक्ताओं ने कहा कि हिंदी एक सरल एवं समृद्ध भाषा है. इसमें अरबी, उर्दू, फारसी, तुर्की, जापानी, अंग्रेजी, रशियन, चाइनीस, पुर्तगाली सहित कई अन्य भाषाओं के शब्दों का समावेश मिलता है. हिंदी को वैश्विक पटल पर और ज्यादा प्रचारित-प्रसारित करने के लिए हिंदी भाषा के बोलचाल में शुद्धता बरतते हुए इसके प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है. उपस्थित लोगों से हिंदी भाषा का व्यापक प्रचार-प्रचार करने एवं बोलचाल के लिए इसके अधिकाधिक प्रयोग करने की बात कही गयी. उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा प्राचीन काल से बोले जाने वाली भाषा है, जो पूर्व से लेकर आज तक समय अनुसार अन्य भाषाओं के शब्दों को भी खुद में समाहित करती रहती है. पर इसका मूल रूप बना रहता है.
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