नगर पंचायत क्षेत्र के बभनी खांड डैम में डूबने से तीन बच्चों की मौत के बाद जंगीपुर का उरांव टोला दूसरे दिन भी शोक में डूबा रहा. परिजनों के चीख-पुकार से पूरा उरांव टोला में शुक्रवार से ही मातम है. इस बीच तीनों बच्चों के शव का अंत्यपरीक्षण के बाद गांव में अंतिम संस्कार किया गया. बच्चों को मिट्टी देने के दौरान वहां मौजूद हर लोगों की आंखों में आंसू थे. इधर बच्चों की मां रोते हुए बार-बार बेहोश हो जा रही थी. आसपास की अन्य महिलाएं उसे किसी तरह संभाल रही थी. ग्रामीणों ने बताया कि मानदेव उरांव का पुत्र सूरज तीन बहनों के बीच अकेला भाई था. भाई-बहनों में सबसे छोटा सूरज था. घटना के बाद मानदेव और उसकी पत्नी पूरी तरह से टूट गये हैं. वहां उपस्थित पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव ने कहा कि कहा कि यह हृदय विदारक घटना है. बभनी डैम पर गार्ड की प्रतिनियुक्ति होनी चाहिए. वहां डूबकर मरने की कई घटना हो चुकी है. वह डैम पर गार्ड की प्रतिनियुक्ति के लिए डीसी और मुख्यमंत्री से मांग करेंगे. इस दौरान झामुमो नेता मुक्तेश्वर पांडेय व भाजपा एससी मोर्चा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण राम भी घटना स्थल पहुंचे. उन्होंने भी घटना की जानकारी लेते हुए परिजनों को सांत्वना दिया.
गौरतलब है कि श्री बंशीधर नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर छह स्थित बभनी खांड डैम मौत का डैम हो गया है. तीन वर्षों के भीतर डैम में डूबने से बालिग व नाबालिग सहित 13 बच्चों की मौत हो गयी है. डैम में डूबने से प्रतिवर्ष बच्चों की मौत हो रही है. इसके बावजूद अनुमंडल प्रशासन एवं नगर पंचायत प्रशासन की ओर से इसे रोकने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है. डैम में डूबने की पहली घटना तीन सितंबर वर्ष 2021 को हुई थी. तब जंगीपुर के उरांव टोले की दो चचेरी बहनों की मौत हो गयी थी. दूसरी घटना 14 अक्टूबर 2022 को मछली मारने के दौरान घटी थी. इस घटना में एक नाबालिग समेत चार लोगों की मौत हो गयी थी. तीसरी घटना 10 जून 2023 को घटी थी, जब मछली मारने के दौरान ही चार नाबालिग बच्चों की मौत हो गयी थी. इस घटना के दिन किसी के घर में चूल्हा नहीं जला था. लेकिन बार-बार बड़ी घटना होने के बाद भी प्रशासन ने इसकी रोकथाम के लिए कोई कार्रवाई नहीं की. इधर 16 अगस्त को फिर तीन बच्चे डूब गये.
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