डंडई. डंडई प्रखंड मुख्यालय के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निकट कई दशकों से निवास करने वाले मुसहर समाज के लोग झुग्गी-झोपड़ी में रहने को विवश हैं. गरमी के दिनों की प्रचंड धूप हो या शरद ऋतु में कड़ाके की सर्दी. ये लोग प्लास्टिक और फटे-पुराने कपड़ों से बनी झोपड़ी में रहने को अभिशप्त हैं. ललन मुसहर, कईली देवी, रंजु देवी, खेसारी मुसहर, अनिल मुसहर, दिनेश व उमेश सहित अन्य मुसहरों ने बताया कि कुछ वर्ष पहले उनका आधार कार्ड व पहचान पत्र तत्कालीन बीडीओ सोमा उरांव ने बनवा दिया था. उन्होंने कहा कि वे लोग मुखिया, विधायक व सांसद के चुनाव में वोट भी डालते रहे हैं. लेकिन आज तक उन लोगों को बिजली की सुविधा नहीं मिली और न ही रहने के लिए आवास मुहैया कराया गया. इन्हें आवास व बिजली की सुविधा आज तक नहीं मिली. मुसहरों ने बताया कि झोपड़ी में अंधेरी रात गुजारने को मजबूर इन लोगों को जहरीले जंतुओं को काटने का भय सताता रहता है. तीन पीढ़ियों से झेल रहे समस्या : मुसहर बबलू, मुकेश, राजा, राजकुमार, सोनाली देवी, सोनी देवी, रीना देवी, उर्मिला देवी, कुंती कुंवर व ललिता देवी ने बताया की तीन पीढ़ी से वे लोग आवास तथा बिजली जैसी समस्या से जूझते आ रहे हैं. किसी तरह मांग खाकर वे लोग अपना गुजारा करते हैं. खासकर बेहद गर्मी और ठंड के दिनों में उन्हें भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. बिजली, राशन, पेंशन और आवास की मांग : मुसहरों ने बताया कि ठंड आ गयी है तथा उन लोगों के पास गर्म कपड़े और कंबल नहीं हैं. आग के सहारे वे किसी तरह जीवन बिता रहे हैं. मुसहर समाज के लोगों ने जिले के वरीय पदाधिकारी और प्रखंड के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों से बिजली, राशन, पेंशन और आवास मुहैया कराने की मांग की है.
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