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गढ़वा : ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से परेशान हैं मेराल ग्राम स्टेशन के यात्री

रांची-चोपन ट्रेन से उत्तर प्रदेश एवं बिहार में जाने के लिए आवागमन का सुगम रास्ता ढूंढते हैं. लेकिन कोरोना काल से ही त्रिवेणी लिंक एक्सप्रेस के बंद हो जाने एवं अन्य ट्रेनों का ठहराव मेराल ग्राम स्टेशन पर नहीं होने से वे परेशान हो जाते हैं.

संजय तिवारी, मेराल:

गढ़वा रोड-चोपन रेल खंड पर स्थित मेराल ग्राम रेलवे स्टेशन पर स्थानीय लोगों की चिर परिचित मांग सिंगरौली-पटना, रांची- चोपन आदि ट्रेनों के नहीं रुकने और बंद त्रिवेणी लिंक के चालू नहीं से स्थानीय लोगों में काफी निराशा है. इन मांगों को लेकर लगातार स्थानीय लोगों द्वारा सांसद बीडी राम सहित संबंधित अधिकारियों से मांग की गयी, लेकिन अभी तक इसका प्रतिफल नहीं मिला. यद्यपि सांसद बीडी राम द्वारा इसे लेकर लोकसभा में इन ट्रेनों के ठहराव और त्रिवेणी लिंक एक्सप्रेस को लेकर लगातार आवाज उठाया जाता रहा है. लेकिन रेलवे मंत्रालय द्वारा इस पर ठोस कदम नहीं उठाये जाने स्थानीय लोग काफी निराश हैं. उल्लेखनीय है कि मेराल ग्राम रेलवे स्टेशन के पोषक क्षेत्र में काफी दूर-दूराज के लोग आते हैं.

मेराल प्रखंड के दो दर्जन से अधिक गांवों के अतिरिक्त छत्तीसगढ के यात्री भी रामचंद्रपुर- डंडइ के रास्ते खुरीमसरा, चिनिया प्रखंड होते मेराल ग्राम रेलवे स्टेशन पर इन ट्रेनों को पकड़ने के लिये आते हैं. ये लोग रांची-चोपन ट्रेन से उत्तर प्रदेश एवं बिहार में जाने के लिए आवागमन का सुगम रास्ता ढूंढते हैं. लेकिन कोरोना काल से ही त्रिवेणी लिंक एक्सप्रेस के बंद हो जाने एवं अन्य ट्रेनों का ठहराव मेराल ग्राम स्टेशन पर नहीं होने से वे परेशान हो जाते हैं. कोरोना काल के पूर्व यहां पलामू लिंक एक्सप्रेस का ठहराव होता था, लेकिन अब जब इसके जगह पर सिंगरौली-पटना एक्सप्रेस शुरू हुआ, तो उसका ठहराव मेराल ग्राम में बंद हो गया. अब तो कोरोना काल बीते दो साल हो चुके हैं. लेकिन इसके बाद भी पूर्ववत स्थिति नहीं बन सकी है. वर्तमान में इस स्टेशन पर मात्र एक पैसेंजर बरवाडीह-चोपन पैसेंजर (04344/3343) 24 घंटे में उपलब्ध है.

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राजस्व घटने से स्टेशन का नहीं हो रहा है नवीनीकरण

मेराल ग्राम स्टेशन पर ट्रेनों को बंद कर देने अथवा ठहराव समाप्त कर दिये जाने से जहां स्टेशन का राजस्व घट गया है, वहीं यात्रियों को भी परेशानी हो रही है. स्टेशन का राजस्व घटने से स्टेशन के नवीनीकरण का फायदा भी आम यात्रियों को नहीं मिल पा रहा है. विदित हो कि यहां से प्रतिदिन उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिला में इंडस्ट्रियल एरिया होने के कारण मजदूर वर्ग से लेकर विभिन्न तरह के व्यवसायों का आवागमन का सुगम और सस्ता साधन ट्रेन ही है. इसके अलावे वाराणसी, इलाहाबाद जैसे तीर्थस्थल एवं इलाज के लिए लखनऊ तक जानेवाले लोगों की संख्या काफी रहती है. लेकिन अब इन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

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