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सड़क दुर्घटना बढ़ी, डेढ़ महीने में 28 मौत व 220 लोग घायल

सड़क दुर्घटना बढ़ी, डेढ़ महीने में 28 मौत व 220 लोग घायल

गढ़वा जिले में सड़क दुर्घटना तेजी से बढ़ी है. गत एक अप्रैल से 15 मई के बीच डेढ़ महीने के दौरान विभिन्न सड़क दुर्घटना में 28 लोगों की जानें चली गयीं. वहीं 220 लोग घायल हुए हैं. इसमें से 19 मौत अप्रैल महीने में हुई है. यह आंकड़ा सिर्फ गढ़वा सदर अस्पताल सहित जिले के अन्य सामुदायिक अस्पतालों से मिली जानकारी के आधार पर है. इसलिए मौत और घायलों की संख्या इससे अधिक भी हो सकती है. उल्लेखनीय है कि जिला परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है. इसके लिए एक अलग से सरकारी टीम लगी है. िसके बावजूद सड़क दुर्घटना में कमी होने की बजाय इसमें अप्रत्याशित वृद्धि होना चिंता का विषय है. दरअसल हर दिन कोई न कोई सड़क दुर्घटना हो रही हैं. ज्यादातर दुर्घटना दोपहिया वाहनों से हुई हैं, जिसमें वाहन या तो नाबालिग चला रहा था या चालक ने शराब पी रखी थी. जनवरी से मार्च तक हुई थी 36 मौतें गौरतलब है कि इस वर्ष जनवरी से मार्च के बीच तीन महीने के दौरान 36 मौतें हुई हैँ. सड़क सुरक्षा विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार गत तीन महीने में जिले में कुल 54 सड़क दुर्घटना हुई. इसमें 36 लोगों की मौत हुई और 77 लोग घायल हुए. जनवरी में 13 लोगों की मौत हुई और 22 लोग घायल हुए. जबकि फरवरी में नौ लोगों की मौत हुई और 31 घायल हुए. इसी तरह से मार्च महीने में 14 लोगों की मौत हुई थी और 24 घायल हुए थे. गढ़वा बाइपास पर ब्लैक स्पॉट से भी अधिक दुर्घटना छत्तीसगढ़, बिहार और यूपी की सीमा से लगे गढ़वा जिले से दो राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-75 और एनएच-343 गुजरे हैं. एनएच-343 पर सरकार द्वारा घोषित तीन ब्लैक स्पॉट हैं. इनमें अन्नराज घाटी, गुलरिया ढोढ़ा और बुढ़ापरास के ब्लैक स्पॉट शामिल हैं. पर इन ब्लैक स्पॉट से अधिक सड़क दुर्घटनाएं अन्यत्र हो रही हैं. अप्रैल से इधर सर्वाधिक सड़क दुर्घटना गढ़वा फोरलेन बाइपास पर हुई है. गत डेढ़ महीने के दौरान यहां 13 मौत हुई हैं. जबकि अभी यह बाइपास शुरू भी नहीं हुआ है. इसके अलावे अन्य दुर्घटनाएं जिले के विभिन्न मार्गों पर घटित हुई हैं. लगातार चल रहा है जागरूकता अभियान : प्रबंधक सड़क सुरक्षा प्रबंधक संजय बैठा ने बताया कि दुर्घटना का कारण सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं करना है. इसमें तेज रफ्तार से वाहन चलाना सबसे बड़ा कारण है. इसके अलावे बाइक चालक द्वारा हेलमेट का प्रयोग नहीं करना तथा नाबालिगों द्वारा या नशे में वाहन चलाना भी एक कारण है. यह सब रोकने के लिए वाहन चालकों के बीच लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

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