उपायुक्त शेखर जमुआर की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के तहत जिले के सभी सीबीएसइ, आइसीएससी व अन्य बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों के विद्यालय प्रबंधकों के साथ बैठक की गयी. बैठक में स्कूल बस व अन्य स्कूली वाहनों में सड़क सुरक्षा के मानकों का अनुपालन करने तथा सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत पर चर्चा की गयी. इस क्रम में बताया गया कि निजी विद्यालय प्रबंधन स्कूली बसों के लिए निर्धारित मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं. स्कूली बसों व अन्य वाहनों में निश्चित सीट से ज्यादा बच्चे ढोये जा रहे हैं. वहीं विद्यालय प्रबंधन शहर में यातायात की स्थिति समझे बगैर बस ड्राइवर को आने-जाने के लिए अपेक्षाकृत कम समय दिये जाने के कारण भी सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. बैठक में सर्वोच्च न्यायालय की ओर से गठित समिति की अनुशंसा के आलोक में स्कूली बसों में सुरक्षा मानक का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. कहा गया कि सड़क दुर्घटनाओं एवं उनसे होने वाली मौत की स्थिति कम करने के लिए विद्यालयों द्वारा सुरक्षा के मानकों का सख्ती से अनुपालन किया जाना आवश्यक है. पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडेय ने कहा कि सभी स्कूलों को एक फॉर्मेट भेजा जाये, इसमें सभी वाहन चालकों के डिटेल्स एवं ड्राइविंग लाइसेंस आदि से संबंधित जानकारी रखी जाये. सभी मानकों पर खरा उतरने वाले वाहनों का ही प्रयोग विद्यार्थियों के परिचालन के लिए करायें. स्कूली बच्चों के आवागमन के लिए ऐसा कोई भी वाहन जो ओपन बॉडी वाले हो, उसे प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया गया. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है, तो पुलिस ऐसे वाहनों को जब्त कर लेगी. वहीं संबंधित विद्यालयों पर भी उचित कार्रवाई की जायेगी. बैठक में उपस्थित सभी स्कूल प्रबंधकों को रोड सेफ्टी से संबंधित सभी आवश्यक मानकों की जानकारी दी गयी. वहीं विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों तथा अन्य कर्मियों के साथ बैठक कर उन्हें भी इस संबंध में जागरूक करने का निर्देश दिया गया. इसके लिए प्रत्येक माह पीटीएम (पैरेंट टीचर मीटिंग) बुलाने के लिए स्कूल प्रबंधकों को निर्देश दिया गया. बैठक में कहा गया कि इन निर्देशों का अनुपालन नही करनें वाले विद्यालयों पर एमवी एक्ट की सुसंगत धाराओं के तहत नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
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