Jharkhand News: गिरिडीह-गैंगस्टर अमन साहू को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गिरिडीह केंद्रीय कारा से चाईबासा मंडल कारा शिफ्ट किया गया है. 21 जून को अमन को दोबारा पलामू जेल से गिरिडीह शिफ्ट किया गया था. वह प्रतिबंधित सुविधाएं हासिल करने के लिए गिरिडीह जेल प्रशासन पर लगातार दबाव बना रहा था. उसने न सिर्फ जेल सुपरिंटेंडेंट हिमानी प्रिया, बल्कि उनके परिजनों को भी नुकसान पहुंचाने की धमकी मोबाइल पर दी थी. अमन गिरोह के गुर्गों ने जेल सुपरिंटेंडेंट के आवास से लेकर उनके देवघर स्थित घर की रेकी की थी. इसके गुर्गे हमला करने ही वाले थे कि पुलिस ने उन्हें दबोच लिया. बताया जाता है कि लगभग 10 अन्य अपराधियों को भी अन्यत्र शिफ्ट करने का अनुरोध कारा महानिरीक्षक से किया गया है. इस बारे में अभी तक अनुमति नहीं मिली है.
अलसुबह चार बजे चाईबासा भेजा गया अमन
कारा महानिरीक्षक सुदर्शन मंडल ने अमन साहू को चाईबासा जेल शिफ्ट करने का आदेश शनिवार को भेजा था. उसे शिफ्ट करने की सभी तैयारियां कल ही पूरी कर ली गयी थीं. एक ओर जहां कोर्ट से अनुमति ली गयी, वहीं दूसरी ओर टीम का भी गठन किया गया. निर्णय के मुताबिक रविवार को प्रात: चार बजे उसे गिरिडीह केंद्रीय कारा से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकालकर लगभग एक बजे चाईबासा मंडल कारा पहुंचा दिया गया. अमन की सुरक्षा में पुलिस के तीन-तीन वाहन लगाये गये थे. इसमें 35 से भी ज्यादा जवान लगाये गये थे.
डीसी, एसपी व अधीक्षक ने अन्यत्र शिफ्टिंग के लिए लिखा था पत्र
गैंगस्टर अमन साहू के इशारे पर ना सिर्फ देश के विभिन्न राज्यों में कांड को अंजाम दिया जाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उसके तार जुड़े हुए हैं. जबसे इसे गिरिडीह जेल शिफ्ट किया गया था, तभी से जेल की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे थे. बताया जाता है कि जेल में ऐसे अपराधी के लिए जो व्यवस्था होनी चाहिए, वह नहीं है. अंडा सेल समेत अन्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किये गये थे.
पूर्व जेलर प्रमोद कुमार पर किया था जानलेवा हमला
इससे पूर्व भी एकबार अमन को गिरिडीह जेल शिफ्ट किया गया था. उस वक्त भी जेल सुपरिटेंडेंट अनिमेष चौधरी को न सिर्फ जान से मारने की धमकी दी, बल्कि उनके वाहन पर हमला कराया. हालांकि हमले के दिन श्री चौधरी के स्थान पर वाहन पर जेलर प्रमोद कुमार बैठे हुए थे. बताया जाता है कि दूसरी बार गिरिडीह जेल में शिफ्ट होने के बाद से लगातार वह जेल प्रबंधन पर तरह-तरह से दबाव बना रहा था. इन बातों को देखते हुए डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी दीपक कुमार शर्मा और जेल सुपरिटेंडेंट हिमानी प्रिया ने कारा महानिरीक्षक को पत्र लिखकर इसे दूसरे जेल में शिफ्ट करने का अनुरोध किया था. अंतत: कारा महानिरीक्षक ने इसकी अनुमति दे दी.