अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गिरिडीह जिले की ओर से डीसी कार्यालय के समक्ष छात्र गर्जना कार्यक्रम का आयोजन किया गया. विश्वविद्यालय सह संयोजक कृष्ण द्विवेदी ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में विद्यार्थियों को शिक्षा, युवाओं को रोजगार और महिलाओं को सुरक्षा व समान अधिकार के वादे पर राज्य की जनता ने हेमंत सोरेन को अवसर प्रदान किया. सरकार को चुनते समय 19 वर्ष का युवा झारखंड आज 24 वर्ष पूरे करने के कगार पर खड़ा है. लेकिन अपना वयस्क राज्य झारखंड आज भी गरीबी और कमजोर प्रशासन की मार झेल रहा है. देश के 40 प्रतिशत खनिज संपदा से परिपूर्ण इस राज्य में आज भी लगभग 40 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं. वहीं लगभग 20 प्रतिशत शिशु व बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. प्रांत सोशल मीडिया संयोजक आशीष कुमार ने कहा कि तिलका मांझी और सिदो कान्हू के रक्त से सींचा गया राज्य झारखंड आज भी अपनी तंग हाली पर रो रहा है. आज भी यहां के मूल निवासी अनाज के लिए तरसते हुए जान दे रहे हैं.
महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रहीं : उज्जवल
जिला संयोजक उज्जवल तिवारी ने कहा कि फूलो-झानो के रक्त से सिंचित संथाल की महिलाएं आज स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. बिलखती महिलाएं- तड़पता झारखंड, सरकार के पूरे कार्यकाल पर एक प्रश्न चिन्ह लगाता है. राज्य में लवजिहाद और लैंड जिहाद झारखंड के आदिवासी समाज और उनकी बेटियों के अस्तित्व को समाप्त करने की तैयारी में है. नगर मंत्री बब्लू यादव ने कहा कि साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा हो अथवा झारखंड की बेटियों को प्राथमिक विद्यालय से पीएचडी तक की मुफ्त शिक्षा का वादा, राज्य की महिलाओं को चूल्हा भत्ता देने का वादा हो अथवा राज्य के जनमानस को उत्तम स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने का वादा, सरकार अपने हर वादे को पूरा करने में पूरी तरह से नाकाम रही है.झारखंड सरकार लोक लुभावन वालों से जनता को कर रही दिग्भ्रमित : विशाखा
विभाग छात्रा प्रमुख विशाखा कुमारी ने कहा कि राज्य के युवा, महिला, मजदूर, किसान और आम जनता ने यह महसूस किया है कि लोक लुभावन वादों के साथ सत्ता में आई झारखंड सरकार एक बार पुनः मुफ्त की योजनाएं लाकर राज्य की जनता को दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रही है. बांग्लादेशी घुसपैठ झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल के रास्ते बांग्लादेश घुसपैठी लगभग एक दशक से होता आ रहा है. अब यह समस्या जटिल रूप ले चुकी है. इसमें झारखंड में आदिवासी और आदिम जनजातीय का अस्तित्व खतरे में है झारखंड सरकार इनके सांस्कृतिक धरोहर को बचाने की पूरी तरह से भी विफल रही है. मौके पर जनजातीय सह प्रमुख मंटू मुर्मू, नगर मंत्री बबलू यादव, कॉलेज मंत्री नीरज चौधरी, शुभम तांती, अनीश राय, विकाश वर्मा, अमन तिवारी, मनोहर उपाध्याय, दीपा कुमारी, अर्पिता कुमारी, निफात, काजल, खुशबू, नीलू कुमारी, डिंपी सेठ, सोनाक्षी सिन्हा, सलोनी साहू, पूनम कुमारी, अंशु प्रिया, सलोनी कुमारी, राखी कुमारी, संजना कुमारी, रिफत आजमी आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है