गावां थाना क्षेत्र के जंगली इलाकों व सीमावर्ती क्षेत्रों में माइका खदान की चाल धंसने से दुर्घटनाएं आम होती जा रही हैं. वन विभाग व स्थानीय पुलिस चाहकर भी अवैध उत्खनन रोकने में नाकाम सिद्ध हो रही है. बीच-बीच में खदानों में छापेमारी व वाहनों की धर पकड़ तक प्रशासन की कार्रवाई सीमित होकर रह गयी है. शनिवार को गिरिडीह और कोडरमा की सीमा पर चरकापत्थर व डगरनवा के आसपास हुई चाल धंसने की घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. हादसे में तीन लोगों की मौत की बात लोगों की जबां पर है. बताया जा रहा है कि हादसे में जिनकी जान गयी वे सभी गावां थाना क्षेत्र के हैं. प्रशासन व वन विभाग की टीम रविवार को घटना के संबंध में जांच करने के लिए प्रयास करती रही. लेकिन कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं था.
अक्सर होती रहती हैं इस तरह की दुर्घटनाएं
प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में इन दिनों धड़ल्ले से माइका उत्खनन का कार्य किया जा रहा है. समय-समय पर विभाग द्वारा छापेमारी अभियान भी चलाया जाता है. इसके बावजूद घने जंगलों और पर्वतीय क्षेत्रों का लाभ उठाकर माफिया बेरोकटोक माइका का उत्खनन करवाते रहते हैं. 18 मई को दो महिलाओं की परसौनी जंगल में ननद, भाभी की अवैध उत्खनन के दौरान चाल धंसने से दर्दनाक मौत हो गयी. शव को ठिकाने लगाने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन पुलिस की तत्परता से शव जब्त कर लिया गया. वहीं एक अक्टूबर को बेलाखुट्टा जंगल में संचालित माइका खदान में दो नाबालिगों की मौत का मामला सामने आया था. जिसमें मात्र 13 वर्षीय अनुमपा कुमारी का शव पुलिस बरामद कर सकी. वहीं दूसरे शव को ठिकाने लगा दिया गया. मामले में केस भी दर्ज किया गया था. 19 अक्टूबर को बाराडीह जंगल में डंप कर रखे गए 30 क्विंटल ढिबरा को पुलिस ने जब्त किया था. 23 अक्टूबर को बलथरवा जंगल से 3 लाख से अधिक मूल्य का ढिबरा लोड वाहन को जब्त किया गया था. इसके पूर्व भी चरकापत्थर पहाड़ में संचालित माइका खदान में हादसा हुआ था. जिसमें घटना के दूसरे दिन दिनभर पुलिस सीमांकन को लेकर परेशान रही थी. मामले में रेंजर अनिल कुमार ने कहा कि घटनास्थल कोडरमा में होने की बात कही जा रही है. गावां थाना क्षेत्र में सघन छापामारी अभियान चलाया जा रहा है.
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