जून से सभी के मानदेय में बढ़ोतरी हुई है, पर कर्मियों को मिल नहीं रहा है. साथ में किसी भी आउटसोर्सिंग कर्मी का ईपीएफ नहीं मिला है. कई बार जिला में धरना-प्रदर्शन हुआ, वार्ता में महीने के प्रत्येक सात तारीख को मानदेय भुगतान करने का आश्वासन दिया गया, पर किसी भी पहलू पर कोई पहल नहीं हुई. सभी कर्मियों का चार माह का मानदेय बकाया है. अंततः सभी आउटसोर्सिंग कर्मी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. बकाया मानदेय भुगतान सहित अन्य मांगें जब तक पूरी नहीं हो जातीं, तब तक सीएचसी में संबंधित कार्य ठप रहेंगे.
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