जिले के कई भागों में शनिवार को दिनभर रिमझिम बारिश होती रही. दिनभर आसमान में काले बादल छाये रहे. बारिश के कारण शहरी व ग्रामीण क्षेत्र का जन जीवन अस्त व्यस्त रहा. कई लोग अपने घरों में ही दुबके रहे. कभी तेज, तो कभी मध्यम बारिश होती रही. बारिश के कारण लोगों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया. जरूरी काम होने पर लोग छतरी व बरसाती लेकर घरों से बाहर निकले. लेकिन, कई ऐसे लोग जिनके पास संसाधन नहीं हैं, वह घरों में ही रहे. बारिश की वजह से शहरी क्षेत्र में सड़कों पर सन्नाटा रहा. दुकानदार दिनभर ग्राहकों के आने के इंतजार करते रहे. बाजार में चहल-पहल नहीं दिखी. सड़क किनारे सब्जी बेचने वाले ग्राहकों के आने का इंतजार करते रहे. बारिश की वजह से कनकनी बढ़ गयी है. छोटे-छोटे बच्चों को गर्म कपड़ा पहनना पड़ा. कई बुजुर्ग भी अपने घरों में कंबल ओढ़े रहे.
देवरी में भी दिखा असर, बाजारों में पसरा रहा सन्नाटा
चक्रवात दाना के प्रभाव से शुक्रवार को दिनभर बादल छाये रहे और रुक-रुक कर बारिश हुई. इससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. तापमान में गिरावट दर्ज किया गया. बारिश के कारण बाजार व चौक चौराहों पर सन्नाटा पसरा रहा. वाहन स्टैंड तक काफी कम संख्या यात्री नजर आये. इशके कारण चालक यात्रियों का इंतजार करते रहे. टेंपो चालकों ने बताया कि दिन भर हल्की बारिश होने के कारण स्टैंड में यात्री नहीं पहुंचे.किसानों को खेत में जल जमाव से धान की फसल गिरने की चिंता
देवरी. दो वर्षों से सुखाड़ का सामना करने के बाद इस वर्ष प्रखंड क्षेत्र में अच्छी बारिश से धान की बेहतर उपज होने से उत्साहित कृषकों के चेहरे पर बारिश से चिंता की लकीरें उभरने लगी है. चक्रवात डाना के प्रभाव से क्षेत्र में हो रही बारिश से कृषकों की उम्मीद को झटका लगा है. कृषक हरिहर प्रसाद सिंह, आनंद सिंह, राजकुमार वर्मा, अनिल सिंह, कपिलदेव राय, नरेश राय, अशोक राय, प्रदीप वर्मा, संदीप यादव आदि का कहना है कि वर्तमान समय के धान में की बाली में दाना भरने का समय चल रहा है. दाना भरने के समय बारिश से उपज पर प्रभाव पड़ना तय है. खेतों में जल जमाव से धान की फसल गिरने की समस्या आ रही है. कृषकों का कहना है कि अल्पवृष्टि की वजह से दो वर्षों में धान की उपज पूरी तरह से प्रभावित हो गयी थी. इस वर्ष अच्छी वर्षा से समय पर धनरोपनी होने व धान की खेती के आवश्यक समय पर बारिश हुई. फसल की बेहतर उपज होने की उम्मीद थी, लेकिन अब हो रही बारिश से फसल को नुकसान पहुंच रही है. मौसम का यही हाल रहा तो इस वर्ष भी धान की खेती चौपट हो जायेगी. इस बाबत कृषि पदाधिकारी संजय कुमार साहू ने बताया कि बारिश से धान के फसल के क्षति होने की संभावना है. बारिश बंद होने के बाद क्षति का आकलन किया जायेगा.
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