करीब दो हजार वर्ष पूर्व यहुदिया के बेथलेहम नगर में माता मरियम व पालक पिता संत जोसेफ के घर प्रभु यीशु का जन्म हुआ था. प्रभु यीशु के जन्मोत्सव को ही मसीही समाज क्रिसमस यानी बड़ा दिन के रुप में मनाते हैं. संत जोसेफ स्कूल जमुआ के फादर स्टीफन ने कहा कि मानव जाति में बढ़ते पाप को देखते हुए परम पिता परमेश्वर ने मानव जाति को पाप से मुक्ति दिलाने के लिये प्रभु यीशु को धरती पर भेजा. प्रभु यीशु ने धरती पर बढ़ते पाप को मिटाने के लिये प्रेम, दया, क्षमा और शांति का संदेश दिया. फादर स्टीफन ने प्रभु यीशु के जन्मोत्सव पर विस्तृत चर्चा की और उनके संदेश को साझा किया. पेश है फादर स्टीफन से बातचीत पर आधारित समशुल अंसारी की रिपोर्ट.
फादर स्टीफन ने कहा :
प्रभु यीशु हमारे मुक्तिदाता हैं और मानव समाज को पाप से मुक्ति दिलाने के लिये परम पिता परमेश्वर ने उन्हें धरती पर भेजा.क्रिसमस ट्री यानी जीवन वृक्ष का महत्व
क्रिसमस में क्रिसमस ट्री का अपना महत्व है. बताया कि परम पिता परमेश्वर ने अपनी आनंद वाटिका में विभिन्न फलदार वृक्ष के साथ जीवन वृक्ष भी लगाया था. जीवन वृक्ष अच्छाई व बुराई को पहचानने वाला वृक्ष था. परमेश्वर ने आनंद वाटिका में लगे सभी पेड़ों के फल के सेवन की अनुमति थी लेकिन जीवन वृक्ष के फल को खाने पर पाबंदी थी. इसके बावजूद आदम व हौवा ने जीवन वृक्ष का फल खा लिया. इसके बाद मानव जाति में पाप बढ़ने लगा. मानव जाति में बढ़ते पाप को देखते हुए ईश्वर ने लोगों को पाप से मुक्ति दिलाने के लिये अपने पुत्र प्रभु यीशु को धरती पर भेजा. इसी निहित मसीही समाज क्रिसमस के मौके पर चर्च व अपने घरों में क्रिसमस ट्री को सजाते हैं.गौशाला में हुआ था प्रभु यीशु का जन्म
क्रिसमस में चरनी की अपनी अलग पहचान है. प्रभु यीशु का जन्म बेथलेहम नगर में माता मरियम के घर गौशाला में हुआ था. गौशाला में जन्म के स्मरण में मसीही समुदाय अपने घरों व गिरजाघरों में चरनी का निर्माण करते हें और वहां प्रभु यीशु के बाल्यवस्था का चित्रण करने के साथ माता मरियम, पालक पिता जोसेफ व गडेरिये का चित्रण कर उन्हें याद करते हैं.ईश्वर पुत्र के आगमन का संदेश देता है चमकीला तारा
क्रिसमस में मसीही समुदाय के लोग अपने घरों, गिरजाघरों च चरनी के पास चमकीला तारा सजाते हैं. बताया जाता है कि परम पिता परमेश्वर ने सर्वप्रथम स्वर्ण दूत को धरती पर भेजकर प्रभु यीशु के धरती पर आगमन कास संदेश दिया. जब प्रभु यीशु का जन्म हुआ तो आसमान में स्वर्ग दूत चमकीला तारा के रुप में चमक रहा था. इस निहित मसीही समुदाय के लोग क्रिसमस के मौके पर घर-आंगनव गिरजाघरों में चमकीला तारा बनाकर सजाते हैं.क्रिसमस में उपहार बांटने आते हैं सांता क्लॉज
प्रभु यीशु के जन्मोत्सव की खुशी में सांता क्लॉज द्वारा बच्चों के बीच चॉकलेट व उपहार बांटने की परंपरा है. सांता क्लॉ यानी संत निकोलस के बारे में अलग अलग कहानियां है. लेकिन सांता क्लॉज गिव इन गिफ्ट के रुप में चर्चित हैं. क्रिसमस के मौके पर मसीही समुदाय के सांता क्लॉज के वेश में बच्चों को उपहार बांटते हैं.जिंगल बेल…जिंगल बेल…जिंगल ऑल द वे….से गुंजा चर्च
क्रिसमस को ले मसीही समुदाय में हर्ष व उल्लास का माहौल रहा. मंगलवार रात 12 बजते ही प्रभु यीशु के जन्मोत्सव को ले गिरजाघरों की घंटियां बजने लगी. जिंगल बेल…जिंगल बेल…जिंगल ऑल द वे….की धून के साथ आतिशबाजी शुरू हो गयी. चमकीला तारा, चरनी और क्रिसमस ट्री के बीच सांता क्लॉज के वेश में मसीही समुदाय के लोग बच्चों के साथ खुशियां मनाते नजर आये. शहर के पचंबा, कोलडीहा, शीतलपुर समेत गांडेय के महेशमुंडा, खोरीमहुआ, तिलैबनी, अलयटांड, ताराटांड आदि गिरजाघरों में भी क्रिसमस का उत्साह दिखा.कई गिरजाघरों में मंगलवार की शाम को ही प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया.इधर क्रिसमस के अवसर पर बुधवार की सुबह भी विभिन्न गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया जायेगा.संत थॉमस चर्च में क्रिसमस केरोल्स का आयोजन
जिले के जमुआ स्थित संत थॉमस चर्च में क्रिसमस केरोल्स का आयोजन किया गया.यहां फादर स्टीफन के नेतृत्व में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर बच्चों ने जहां बालक यीशु के रूप धारण कर अपनी महिमा दिखायी वहीं कुछ बच्चों ने केरोल्स के माध्यम से अपनी प्रतिभा को उजागर किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है