टीम के सदस्य तीन घंटे तक बैठे रहे. टीम के सदस्य फोन कर उन्हें बुलाते रहे, लेकिन वे आये. बताया गया कि जनसुनवाई में सभी मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, वेंडर, मजदूर मेठ, बीपीओ, बीडीओ की उपस्थिति अनिवार्य है.
सभी को दी गयी थी पूर्व में सूचना
कार्यक्रम में भाग ले रही लोकपाल तमन्ना परवीन ने कहा कि सभी को सूचना पूर्व में दी गयी थी कि 10 फरवरी को चचघरा, चरघरा, बलगो, चितरडीह, धर्मपुर, बेरहाबाद, चिलगा, गोरो, चोरगता, इमाम व चकमंजो पंचायत की योजनाओं की जनसुनवाई होनी है.इसमें सिर्फ रोजगार सेवक व अभियंता के अलावा कुछ पंचायत सेवकों ने भाग लिया. अंकेक्षक दल के पदाधिकारियों के कड़े तेवर को देख कुछ पंचायत सेवक पहुंचे, लेकिन इसके बाद भी मुखियाओं ने भाग नहीं लिया. दोपहर दो बजे के आसपास जैसे-तैसे जनसुनवाई शुरू की गयी.
इसमें मुख्य रूप से पंचायत स्तर पर चलायी जा रही योजनाओं की भौतिक जांच की गयी. जो कार्य नहीं हुआ है उसे पूरा करने का निर्देश दिया गया. वेंडर द्वारा सामग्री उपलब्ध नहीं कराने की स्थिति में लाभुकों के खाते में राशि भेजने का निर्णय लिया गया.मौके पर जिप सदस्य संजय हाजरा, पिंकी वर्मा, बीपीओ गणेश वर्मा, डीपीआर बैजनाथ प्रसाद वर्मा, सीएसओ के प्रतिनिधि मो आलम, राज्य से मनोनीत सदस्य भीमलाल दास के अलावा रोजगार सेवक मो इकबाल, मुकेश पांडेय आदि मौजूद थे.
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