सरकार द्वारा धान क्रय केंद्र अब तक नहीं खोले जाने से किसान काफी परेशान हैं. अपने खेतों से उपजी धान की फसल को औने-पौने दाम पर बिचौलियों के हाथों बेचने को विवश हैं. बिचौलिये भी किसानों के खलिहान से ही धान की खरीदारी कर रहे हैं. परिणामत: खून-पसीना बहाकर फसल उपजाने वाले किसानों की जगह बिचौलिये लाभान्वित हो रहे हैं.
विभागीय उदासीनता से किसान परेशान :
विदित हो कि धान की कटाई अंतिम दौर से गुजर रही है. प्रत्येक वर्ष सरकार द्वारा पंचायत स्तर पर धान क्रय केंद्र खोला जाता था, जिसमें सरकार का तय समर्थन मूल्य प्राप्त करते थे. स्थानीय किसानों की मानें तो धान की फसल की बुआई के समय महाजनों से कर्ज लेकर धान की खेती करते हैं, परंतु सरकारी अधिकारी समय पर धान क्रय केंद्र खोलने में सक्रिय नहीं रहने से सारा लाभ बिचौलियों को मिल जाता है. सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य 31 रु प्रति किलोग्राम है, परंतु बिचौलिये 14 से लेकर 16 तक प्रति किलोग्राम धान की खरीदी कर रहे हैं. पिछले वर्ष सरिया प्रखंड क्षेत्र में पांच लैंप/पैक्स में धान क्रय केंद्र खोला गया था. इस बार नवंबर बीतने को है. धान कटाई का अंतिम दौर भी चल रहा है, परंतु अब तक सरकार या विभाग इस पर गंभीर नहीं है. इस कारण किसान सस्ते मूल्य पर धान बेचने को विवश हैं. किसानों को चिंता सताये जा रही है कि महाजनों का कर्ज कैसे चुकता किया जा सकेगा.प्रस्ताव को लेकर पैक्स में दिलचस्पी नहीं :
लैंप/पैक्स के पूर्व जिलाध्यक्ष अभिनंदन प्रताप सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष सरिया प्रखंड क्षेत्र में पांच पैक्स से किसानों के धान की खरीदारी की गयी थी. इस बार भी विभाग द्वारा धान क्रय केंद्र खोलने से संबंधित प्रस्ताव की मांग की गयी है. इसमें सरिया प्रखंड क्षेत्र में 23 पंचायतों में पांच पैक्स ने ही प्रस्ताव भेजा है. अधिकारियों का आदेश मिलते ही धान क्रय केंद्र शुरू हो जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है