बताया जाता है कि महादेव विश्वकर्मा, सूरज विश्वकर्मा, प्रेम राय और अजय राय के परिवारों के सदस्य अपने घरों में सोए हुए थे. ठंड के कारण गांव में भी सन्नाटा था. इसी सन्नाटे का फायदा उठाते हुए अपराधी देर रात को बारी-बारी से सभी के घर का ताला तोड़कर दूसरे कमरे में घुस गये और बक्सा से नगदी, जेवरात सहित बर्तन लेकर फरार हो गये. अपराधी घर के सामानों पर हाथ साफ कर चले गये और घर के लोग सोए रह गये. सुबह उठने पर भुक्तभोगियों ने घर का ताला टूटा हुआ पाया और अंदर में रखे पैसे, जेवरात, बर्तन आदि सामान गायब थे. प्रेम राय ने बताया कि अबुआ आवास की ढलाई करने के लिए बैंक से 20 हजार रु निकालकर घर में उसने रखे थे. अपराधी उसे भी लेते गये. वारदात की जानकारी मिलते ही तिसरी पुलिस गुमगी पहुंच कर भुक्तभोगियों के घरों की छानबीन की. पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गयी.
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