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Giridih News: गिरिडीह में तीन दिवसीय उसरी महोत्सव का हुआ उद्घाटन, सरकार लाने जा रही है यह योजना

Giridih News: गिरिडीह के उसरी नदी को बचाने के लिए तीन दिवसीय महोत्सव शुरू हो गया है. इसका उद्घाटन डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने किया. मौके पर उपायुक्त ने कहा कि सरकार जल्द उसरी रिवर फ्रंट योजना लाने वाली है.

गिरिडीह : गिरिडीह की जीवनदायिनी उसरी नदी को बचाने की पहल की दिशा में उसरी महोत्सव का आयोजन हुआ है. शुक्रवार को तीन दिवसीय इस महोत्सव का उद्घाटन डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने किया. इस दौरान कई प्रशासनिक अधिकारी, उसरी बचाव अभियान के सदस्य तथा गिरिडीह के प्रबुद्ध लोग मौजूद थे. मौके पर डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि संयुक्त प्रयास से उसरी नदी को बचाना है. कहा कि प्रशासन के साथ मिलकर सिविल सोसायटी जागरूक पहल करती रही, तो उसरी नदी को बचाने को लेकर कई सकारात्मक कार्य होंगे.

कई योजनाएं आ रहीं अस्तित्व में

गिरिडीह डीसी ने कहा कि सीसीएल शीघ्र ही चेकडैम निर्माण व साफ-सफाई जल्द शुरू होगा. सरकार जल्द उसरी रिवर फ्रंट योजना लाने वाली है. इसका स्वरूप बनाया जा रहा है. पीरटांड़ में मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना के माध्यम से किसानों तक सिंचाई सुविधा पहुंचाने का काम चल रहा है. उसरी नदी एवं खंडोली में पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्य योजना तैयार की जा रही है. कहा कि नदी संरक्षण को लेकर लोगों में काफी भावनात्मक लगाव है. इसी कड़ी में उसरी महोत्सव काफी सराहनीय कदम है. उन्होंने कहा कि उसरी नदी के किनारे बसे लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. चीजों को बिगाड़ने में समय नहीं लगता है, परंतु उसे सुधारने में काफी ताकत लगानी पड़ती है. उन्होंने कहा कि उसरी नदी बचाने का प्रयास भविष्य में भी जारी रहना चाहिए, ताकि बतौर बेहतर नदी इसका अस्तित्व रहे. कहा कि प्रशासन प्रयासरत है. कहा कि पर्यावरण संतुलन बरकरार रखने के लिए सबों को मिलजुल कर कार्य करना होगा.

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बीमार नदी को बचाना जरूरी

डीएफओ मनीष चौधरी ने कहा कि उसरी नदी बीमार है. इसे बचाना जरूरी है. प्रशासन अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहा है. उसरी नदी को बचाने की बड़ी जिम्मेदारी जनता की है. अधिकारी तीन साल के बाद स्थानांतरित हो जायेंगे, लेकिन जनता यहीं पर रहेगी. पानी के ठहराव को लेकर बालू की मौजूदगी पर भी विस्तार से अपनी बातें रखीं. कहा कि नदी के बचाव को लेकर सभी को जागरूक होना होगा. कहा कि गिरिडीह कई नदियों का उद्गम स्थल है. कहा कि पेड़ों की कटाई के कारण बारिश के पानी का ठहराव नहीं हो पा रहा है. ऐसे में पौधरोपण निहायत ही जरूरी है. कहा कि जिस नदी में जीव-जंतु मौजूद रहे, उस नदी को स्वच्छ माना जाता है. इस मौके पर बच्चियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. वहीं कई खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें खिलाड़ियों ने भाग लिया.

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कार्यक्रम में ये थे मौजूद

मौके पर एसडीएम श्रीकांत यशवंत विस्पुते, उसरी बचाव अभियान के संयोजक राजेश सिन्हा, डा. रितेश सिन्हा, संजीवनाथ, मुन्ना कुशवाहा, प्रीति भास्कर, सतीश कुंदन, मनोज कुमार, धरनीधर प्रसाद, आलोक मिश्रा, संगीता देवी, कुसुम सिन्हा, राजीव सिन्हा, शिवेंद्र कुमार सिन्हा, कृष्ण कुमार सिन्हा, विपिन अग्रवाल, संतोष शर्मा, रंजय बरदियार, नौशाद आलम, अमित कुमार, गोपाल दास, विनय सिंह, कोमल सिन्हा, प्रकाश राणा, विक्रम लहरी, मो नूरुल, विकास कुमार, निशांत भास्कर, पन्ना दास, मजहर, रेहान आदि मौजूद थे.

चरघरा है उसरी नदी का उद्गम स्थल

जमुआ प्रखंड का चरघरा गांव उसरी नदी का उदगम स्थल है. यह देवरी प्रखंड से सटा इलाका है. शुरू में इसकी चौड़ाई करीब छह से आठ फीट है. फतहाबाद के पास इसकी चौड़ाई करीब 15-16 फीट हो जाती है. जमुआ विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों का भ्रमण करते हुए यह नदी लंगटा बाबा समाधि स्थल के पास से गुजरती है. गिरिडीह प्रखंड के वनखंजो से उसरी नदी बड़ा आकार ले लेती है. बनखंजो, शास्त्रीनगर, अरगाघाट होते हुए यह उसरी फॉल में गिरती है. उसरी नदी उत्तरवाहिनी है, लिहाजा इसका अपना महत्व है. महापर्व छठ के मौके पर उसरी नदी के तट पर व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. यज्ञ समेत धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन में श्रद्धालु यहां से जल उठाते हैं.

उसरी को बचाने के लिए हो रहा है प्रयास

उसरी नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए जनजागरूकता अभियान के तहत उसरी महोत्सव आयोजित है. उसरी नदी एवं पर्यावरण को बचाने के लिए प्रयास तेज कर दिया गया है. शहरी क्षेत्र के विभिन्न नालों का गंदा पानी उसरी नदी में गिरता है, लिहाजा इसका पानी प्रदूषित हो रहा है. खास यह है कि महापर्व छठ के मौके पर भी यह गंदा पानी उसरी नदी में समाहित होता रहता है. हालांकि इसके लिए नगर निगम की ओर से सोखा बनाया जाता है, जो कि नाकाफी है. ऐसे में पिछले कई वर्षों से गंदा पानी को रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की मांग की जाती रही है. महोत्सव के दौरान भी वक्ताओं ने इस मांग को जोरशोर से उठाया. उसरी नदी बचाव अभियान के संयोजक राजेश सिन्हा ने उसरी नदी पर छिलका डैम का निर्माण कराने की मांग के अलावे नदी के दोनों किनारों पर पौधरोपण, चेकडैम, जगह-जगह पार्क, नदी के अतिक्रमण की रोक आदि मांगों पर बल दिया. कहा कि छिलका डैम बनने से जलस्तर बढ़ेगा. गर्मी में जीव जंतु-पशु पक्षी का जीवन बचेगा.

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