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Giridih News: चिरकी में जलापूर्ति शुरू कराने की नहीं हो रही पहल, पेयजल के लिए हाहाकार

Giridih News: चिरकी व मधुबनवासियों की प्यास बुझानेवाली पीरटांड़ मधुबन ग्रामीण जलापूर्ति योजना के बंद हुए 15 दिन हो गये हैं. लेकिन अब तक किसी की ओर से जलापूर्ति शुरू करने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की गयी है.

जलापूर्ति बंद होने से चिरकी से लेकर जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन तक पेयजल के लिए हाहाकार मचा है. पानी के जुगाड़ में ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बराकर इंटेक वेल के पास लगे ट्रांसफार्मर का तेल बह जाने के बाद से जलापूर्ति ठप है. पीरटांड़ मधुबन ग्रामीण जलापूर्ति योजना पर मानो किसी की नजर लग गयी हो. आए दिन किसी न किसी वजह से जलापूर्ति बाधित रहती है.

क्वायल निकालने के लिए चोरों ने ट्रास्फार्मर से निकाल दिया तेल, इसके बाद से बंद है योजना

बताया जाता है कि विगत 18 जनवरी की रात चोरों क्वायल चोरी का प्रयास किया था. हालांकि इसकी भनक इंटेक वेल के कर्मचारियों को लग गयी. लेकिन चोरों ने ट्रांसफार्मर का तेल निकाल दिया था. इसके बाद से पीरटांड़ मधुबन ग्रामीण जलापूर्ति योजना बंद है. सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर में नल से जल उपलब्ध कराने के लिए पानी की तरह पैसा बहाया गया है.

गांव -गांव में जलमीनार खड़ी की गयी है. मधुबन में भी सुलभ जलापूर्ति के लिए विगत कई वर्ष पूर्व ही करोड़ों की लागत से बराकर नदी से पेयजल की आपूर्ति की योजना बनायी गयी थी. बराकर नदी में इंटेक वेल बनाकर पाइपलाइन के जरिये पानी मधुबन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक लाया जाता है. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी फिल्टर कर घर -घर इसकी जलापूर्ति की जाती है.

चिरकी से लेकर मधुबन तक लगभग पांच हजार की आबादी इसी जलापूर्ति योजना पर पूरी तरह आश्रित है. इस योजना के लाभुक तय मासिक चार्ज देकर योजना का लाभ लेते हैं, लेकिन विगत 18 जनवरी के बाद से लाभुक को एक बूंद पानी नसीब नहीं हो रहा है. इससे चिरकी से लेकर मधुबन तक पेयजल की घोर समस्या हो गई है.

ग्रामीणों के साथ मधुबन आने वाले तीर्थयात्रियों को भी हो रही परेशानी

संचालन समिति की लापरवाही के कारण जलापूर्ति योजना धीरे धीरे दम तोड़ रही है. आये दिन किसी न किसी कारण मधुबन में जलापूर्ति बाधित रहती है. कभी तकनीकी खराबी तो कभी नदी सूख जाने के कारण आपूर्ति ठप रहती है. इस बार ट्रांसफार्मर से तेल निकल जाने के बाद से जलापूर्ति बाधित है.

इससे पूर्व योजना से जुड़े कर्मचारियों ने बकाया वेतन के भुगतान की मांग को लेकर जलापूर्ति ठप कर दी थी. जलापूर्ति बंद होने से चिरकी मधुबन के ग्रामीणों के अलावा तीर्थयात्रियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जलापूर्ति बंद होने से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल से जल योजना को मुंह चिढ़ा रही है. जलापूर्ति बाधित रहने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जलापूर्ति योजना के लाभुकों ने कहा कि मधुबन में लगभग 15 दिनों से जलापूर्ति बंद है.

जलापूर्ति बंद होने से उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रोज इधर उधर से पानी की जुगाड़ उन्हें करना पड़ रहा है. कहा कि सरकार गांव गांव में हर घर पानी देने का वादा कर रही है, पर मधुबन जैसे विश्व प्रसिद्ध जगह में पानी की घोर किल्लत हो गई है.

जल्द ही जलापूर्ति शुरू कराई जाएगी : कनीय अभियंता

इस संबंध में पीएचडी के कनीय अभियंता श्यामचंद्र साहा ने बताया कि जलापूर्ति संचालन समिति के साथ बैठक कर जल्द ही जलापूर्ति शुरू कराई जाएगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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