कार्यक्रम का उद्देश्य बालिकाओं के लिए अधिक अवसर देना, शिक्षा, कानूनी अधिकार, चिकित्सा, देखभाल, महिलाओं के प्रति हिंसा और बाल विवाह जैसे विषयों के संबंध में जागरूक करना है. कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया कि बेटी के जन्म पर भी समाज में फैली गलत धारणाओं को मिटाकर हम एक सुदृढ़ समाज व सकारात्मक सोच के साथ जीवन व्यतीत कर सकते है. बेटी ही समाज के उत्थान का कारण बन सकती हैं.इस अभियान का उद्देश्य किशोरियों को लेकर समाज में फैली हुई भेदभाव को मिटाना है. साथ ही जेंडर राशियों में भी सुधार करना है. जिला समाज कल्याण कार्यालय में भी अभियान के तहत बाल विवाह रोकने, बेटियों की पढ़ाई व सुरक्षा की शपथ दिलायी गयी. किशोरियों के लिए चार मुख्य अधिकार जीने, विकास, सुरक्षा व सहभागिता का अधिकार के संबंध में जानकारी दी गयी. उन्होंने कहा कि बालक- बालिकाओं का जन्मदर अनुपात को समान व कन्या भ्रूण हत्या को रोका जाना है.
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