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Naxal News|गिरिडीह, राकेश सिन्हा : झारखंड पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. 10 लाख रुपए के इनामी नक्सली रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा ने सरेंडर कर दिया है. वह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहा था. गिरिडीह जिले की पुलिस की पहल पर रामदयाल महतो ने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया.
गिरिडीह जिले का रहने वाला है रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा
रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा गिरिडीह जिले का रहने वाला है. पिछले दिनों गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा ने फरार इनामी नक्सलियों के करीबियों और रिश्तेदारों से संपर्क किया. उनसे कहा कि नक्सलवाद की राह पर चल रहे अपने लोगों को मुख्यधारा से जुड़ने के लिए कहें. उनकी यह पहल कामयाब हुई और रामदयाल महतो ने पुलिस के सामने हथियार डालने का फैसला किया.
एसपी ने की थी परिजनों से अपील- बताएं सरेंडर पॉलिसी के लाभ
एसपी ने लोगों से अपील की थी कि वे रामदयाल महतो को झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति के लाभ के बारे में बताएं. उसे मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करें. साथ ही यह चेतावनी भी दी कि अगर उसने पुलिस की बात नहीं मानी, तो सबको पता है कि नक्सलियों की जिंदगी जंगलों में ही बीतती है. कभी भी वह पुलिस की गोली का शिकार हो सकता है. पुलिस उन्हें छोड़ेगी नहीं.
रामदयाल के बेटे ने पिता को आत्मसमर्पण करने के लिए किया तैयार
एसपी की पहल के बाद रामदयाल महतो के पुत्र ने अपने पिता को समर्पण के लिए प्रेरित किया. रामदयाल ने रविवार को गिरिडीह पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस ने कई मामलों में उससे पूछताछ की है. हालांकि, इस मामले में पुलिस अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. गुप्त तरीके से आत्मसमर्पण की सभी प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
बीमार चल रहा था रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा
पीरटांड़ थाना क्षेत्र के पीपराडीह का रहने वाला इनामी और कुख्यात नक्सली रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहा था.
नक्सली संगठन के जोनल कमेटी का था सदस्य
रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा नक्सली संगठन में जोनल कमेटी का मेंबर रहा है. पारसनाथ से लेकर टुंडी तक कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दे चुका है. 25 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी के बाद पारसनाथ इलाके में रामदयाल महतो ही संगठन को मजबूत कर रहा था.
कई बड़े नक्सलियों के साथ कर चुका है काम
रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा इनामी नक्सलियों मिसिर बेसरा, प्रयाग मांझी, अनल दा उर्फ पतिराम मांझी, अजय महतो उर्फ टाइगर, कृष्णा हांसदा आदि के साथ भी काम कर चुका है.
बच्चन दा पर दर्ज हैं 75 से अधिक मुकदमे
पुलिस की मानें, तो रामदयाल महतो वर्षों से संगठन के लिए काम रह रहा था. उसका दस्ता पीरटांड़, निमियाघाट, मधुबन, डुमरी, टुंडी समेत कई इलाकों में कई बड़ी नक्सली घटनाओं को अंजाम दे चुका है. उसके खिलाफ विभिन्न थानों में 75 से अधिक मामले दर्ज हैं.
कौन है रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा?
रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा एक कुख्यात नक्सली है. उसने भाकपा माओवादी के कई शीर्ष नक्सलियों के साथ काम किया है. बच्चन दा ने गिरिडीह पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है.
रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा ने कैसे किया सरेंडर?
रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा को नक्सलवाद का रास्ता छोड़ने के लिए उसके बेटे ने तैयार किया. गिरिडीह के एसपी ने परिजनों से कहा था कि वे रामदयाल को झारखंड सरकार की सरेंडर पॉलिसी के लाभ के बारे में बताएं. उससे कहें कि वह सरेंडर कर दे. अगर सरेंडर नहीं करेगा, तो पुलिस कभी भी उसे अपनी गोली का शिकार बना डालेगी.
सरेंडर करने वाले नक्सली रामदयाल पर कितने केस दर्ज हैं?
जोनल कमेटी के सदस्य रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा पर अलग-अलग थानों में 75 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं.
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