गिरिडीह, राकेश सिन्हा : गिरिडीह के पेयजल और स्वच्छता विभाग में 50 करोड़ रुपये से अधिक की निविदाओं में गड़बड़ी उजागर हुई है. मामला वित्त वर्ष 2021-22 का है. गिरिडीह के एक नागरिक मुकेश कुमार सिंह की शिकायत पर पेयजल व स्वच्छता विभाग के तत्कालीन सचिव राजेश शर्मा ने मामले की जांच करवायी थी. दो मुख्य अभियंताओं की जांच में सामने आया है कि धनबाद अंचल के सभी छह प्रमंडलों में सिंगल विलेज स्कीम (एसवीएस) की 1000 से भी ज्यादा योजनाओं का कार्य आवंटित किया गया. पांच प्रमंडलों में गड़बड़ी पकड़ी गयी है, जिसमें निविदा की शर्तों का उल्लंघन कर अयोग्य संवेदकों को कार्य आवंटित कर दिये गये.
सर्टिफिकेट व अन्य दस्तावेज अपलोड करने की शर्त को किया गया शिथिल
बताया जाता है कि अपने चहेते संवेदकों को कार्य देने के लिए ड्रिलिंग रिग मशीन के स्वामित्व का सर्टिफिकेट व अन्य दस्तावेज अपलोड करने की शर्त को शिथिल किया गया. बताते चलें कि पेयजल व स्वच्छता विभाग धनबाद अंचल के धनबाद प्रमंडल वन, धनबाद प्रमंडल टू, गिरिडीह प्रमंडल एक, गिरिडीह प्रमंडल दो, चास प्रमंडल और तेनुघाट प्रमंडल में सिंगल विलेज स्कीम के तहत योजनाओं की निविदा आमंत्रित की गयी थी.
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छह प्रमंडलों में एक हजार से अधिक योजनाओं के लिए कार्य अवंटित
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए झारखंड के सभी छह प्रमंडलों में एक हजार से भी ज्यादा योजनाओं के लिए कार्य आवंटित किये गये. इनमें से पांच प्रमंडलों में निविदा की शर्तों का उल्लंघन कर संवेदकों के बीच 50 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य आवंटित कर दिये गये. निविदा में ड्रिलिंग रिग मशीन के स्वामित्व का सर्टिफिकेट व अन्य दस्तावेज अपलोड करना अनिवार्य था. लेकिन इस नियम का अनुपालन नहीं किया गया.
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मुख्य अभियंता मुख्यालय व मुख्य अभियंता पीएमयू रांची ने की थी जांच
मुकेश कुमार सिंह की शिकायत पर विभाग के तत्कालीन सचिव राजेश शर्मा ने मामले की जांच के आदेश दिये थे. मुख्य अभियंता और मुख्य अभियंता प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट रांची मुख्यालय ने आरोपों की जांच की थी. जांच में खुलासा हुआ कि एसवीएस की योजनाओं में नेशनल कॉम्पिटेटिव बिडिंग में अनिवार्य शर्तों की कंडिका 8 का अनुपालन नहीं किया गया और वैसे लोगों को भी कार्य आवंटित कर दिया गया, जिनके पास ड्रिलिंग रिग मशीन तक उपलब्ध नहीं थी.
धनबाद के अधीक्षण अभियंता से मांगा गया है स्पष्टीकरण
जांच रिपोर्ट समर्पित किये जाने के बाद पेयजल व स्वच्छता विभाग ने धनबाद अंचल के अधीक्षण अभियंता मो रेयाज आलम से स्पष्टीकरण मांगा है. सरकार के विशेष सचिव राजीव रंजन कुमार ने अधीक्षण अभियंता को भेजे पत्र में कहा है कि मामले की उच्चस्तरीय समीक्षा में पाया गया है कि एनआइटी की कंडिका 8 में ड्रिलिंग रिग मशीन से संबंधित डॉक्यूमेंट की स्केन कॉपी संलग्न करने का प्रावधान था. लेकिन रिग मशीन के डॉक्यूमेंट को निविदा में शिथिल कर दिया गया और इस संबंध में कोई शुद्धि-पत्र भी नहीं दिया गया.
रिग मशीन की कंडिका हटाना नियम संगत नहीं
तकनीकी बिड की तुलनात्मक विवरणी से रिग मशीन की कंडिका हटाना नियम संगत नहीं है. बताया गया है कि निविदा की शर्तों के विपरीत निविदा का निस्तारण कर संवेदकों को लाभ पहुंचाया गया है, जो पीडब्ल्यूडी के कोड का उल्लंघन है. स्पष्ट किया गया है कि अयोग्य संवेदकों को निजी लाभ के लिए कार्य आवंटित किया गया है. इस मामले में सात दिनों के अंदर स्पष्टीकरण समर्पित करने का निर्देश दिया गया है.
सिर्फ गिरिडीह प्रमंडल टू में 206 योजनाओं का हुआ था टेंडर
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सिंगल विलेज स्कीम की एक हजार से भी ज्यादा योजनाओं का टेंडर ग्रुप में निकाला गया था. सभी टेंडर धनबाद अंचल के अधीक्षण अभियंता मो रेयाज आलम द्वारा फाइनल किया गया और संवेदकों को कार्य आवंटित किया गया. इसमें सिर्फ गिरिडीह प्रमंडल टू की कुल 206 योजनाएं थीं, जिसे 38 ग्रुप में बांटा गया. लगभग 15.89 करोड़ की इन योजनाओं के कार्य में भी व्यापक स्तर पर गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं. निविदा निष्पादन में जहां अधीक्षण अभियंता द्वारा मनमानी किये जाने का आरोप है, वहीं कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं.
अधीक्षण अभियंता ने पूर्व में भी की हैं कई गड़बड़ियां, मिली चेतावनी
धनबाद अंचल के अधीक्षण अभियंता मो रेयाज आलम द्वारा मनमानी किये जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पूर्व भी उन्होंने कई गड़बड़ियां की हैं. कुछ मामलों में विभागीय स्तर पर जांच भी करायी गयी. एक मामला गिरिडीह से संबंधित है, जिसमें मैनपावर की प्रतिनियुक्ति में प्रावधानों का घोर उल्लंघन करने और विभागीय कर्मी को ही टेंडर देना शामिल है. मिली जानकारी के अनुसार, इन दोनों ही मामलों में विभाग को शिकायत मिली थी कि प्रावधानों की अनदेखी कर कार्य किये जा रहे हैं. जांच कराने के बाद दोनों ही मामले में विभागीय अधिकारियों ने चेतावनी देते हुए भविष्य में भूल की पुनरावृत्ति न करने का निर्देश दिया था.
नियमों का किया गया था उल्लंघन
बताया जाता है कि पेयजल व स्वच्छता प्रमंडल गिरिडीह टू की निविदा संख्या-39/2021-22 को निष्पादित करने में नियमों का उल्लंघन किया गया था. गिरिडीह टू अंतर्गत राजधनवार प्रखंड के प्रखंड समन्वयक पद पर कार्यरत संवेदक विनायक सत्या को कार्य आवंटित कर दिया गया था. विभाग ने इसे कंसीक्वेंशियल डिफॉल्ट माना. पेयजल व स्वच्छता विभाग के संयुक्त सचिव पशुपतिनाथ मिश्र ने इस मामले में चेतावनी पत्र निर्गत किया था. एक अन्य मामले में गिरिडीह के जगजीत सिंह बग्गा ने आरोप पत्र भेजकर जांच की मांग की थी. विभाग ने जांच कराने के बाद पाया कि सरकारी नियमों व प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए थर्ड पार्टी एजेंसी के विभिन्न पदों पर प्रतिनियुक्त करने में मनमानी की गयी है. सरकार के विशेष सचिव राजीव रंजन ने इस मामले में स्पष्टीकरण भी पूछा था. स्पष्टीकरण में बताया गया कि समीक्षा करने के उपरांत एकरारनामा की शर्तों के विरुद्ध मैनपावर की प्रतिनियुक्ति में प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये हैं, तो क्यों नहीं उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाये. बाद में इस मामले में भी चेतावनी देकर उन्हें छोड़ दिया गया. बताया जा रहा है कि कई मामलों में फंसने के बाद भी अधीक्षण अभियंता पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
भूलवश एनआइटी की शर्त में नहीं किया गया सुधार
एनआइटी की शर्तों में सुधार करने का निर्णय लिया गया था. इस संबंध में सभी प्रमंडलों के कार्यपालक अभियंता को मौखिक निर्देश भी दिये गये थे. लेकिन भूलवश शर्तों में सुधार नहीं किया गया. किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं की है.
मो रेयाज आलम, अधीक्षण अभियंता, धनबाद अंचल