गांडेय.
आधुनिक कृषि उपकरणों, सिंचाई की सुविधा और बड़ी पूंजी के आभाव के बावजूद 5 एकड़ की बंजर जमीन में पसीना बहाकर एक किसान परिवार स्वावलंबी बनकर लोगों के लिए मिसाल बनकर उभरा है. हम बात कर रहे हैं अहिल्यापुर के टुनटुन रजक के परिवार की. टुनटुन ने 5 एकड़ की बंजर जमीन में 20 हजार की पूंजी लगाकर करेला और झींगा की खेती शुरू की. पहली उपज से उसे एक लाख रुपये की आमदनी हुई. इसके बाद टुनटुन रजक का पूरा परिवार खेती बाड़ी में लीन हो गया. टुनटुन रजक ने बताया कि वह अपने चार भाइयों के साथ करीब 5 एकड़ भूमि में खेती बाड़ी करते हैं. वर्तमान में झींगा, करेला, बोड़ा, खीरा, कद्दू आदि की खेती की गयी है. कहा कि सभी फसल आधुनिक तकनीक से लगायी गयी हैं. बांस, तार और धागे की सहायता से जाली बनाकर फसल उपजायी जा रही है. झींगा व करेला की बिक्री भी शुरू हो चुकी है. कहा कि इस बार कुल 80 हजार की पूंजी लगाए हैं, संभावना है कि करीब 3-4 लाख की आमदनी होगी.सरकारी लाभ नहीं मिलने का है अफसोस
किसान टुनटुन ने बताया कि उनका परिवार खेती पर निर्भर है. लेकिन सरकारी व प्रशासनिक स्तर पर कोई सहयोग नहीं मिलने से सभी निराश हैं. कहा कि यदि उन्हें मनरेगा से कूप, आम बागवानी और दीदी बाड़ी योजना का लाभ मिल जाये तो और भविष्य बेहतर हो सकता है.कृषक को मिलेगी सुविधा : बीएओ
बीएओ सुजीत कुमार ने कहा कि प्रगतिशील कृषक को सरकारी सुविधा प्रदान की जाएगी. स्थल निरीक्षण के उपरांत विभागीय स्तर पर उन्हें सरकारी लाभ दिया जाएगा.
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