गोड्डा शहर में गुरूवार को कारगिल चौक से बस स्टैंड तक अतिक्रमणकारियों पर नगर परिषद की ओर से कार्रवाई की गयी. नगर परिषद ने बुलडोजर चलाकर शहर बाजार में रोड किनारे दुकान लगाने वाले कारोबारियों की दुकानों को बुलडोजर से ढहाने का काम किया. कार्रवाई में स्वयं नगर प्रशासक आशीष कुमार सहित सिटी मैनेजर रोहित कुमार व नगर परिषद के कई कर्मी लगे थे. टीम द्वारा कारगिल चौक से सटे एसडीओ आवास से सटे फुटपाथ के दुकानदारों को सर्वप्रथम हटाया गया. बाद में सरकारी बस स्टैंड से लेकर पुराना समाहरणालय होते हुए प्राइवेट बस स्टैंड में भी स्टैंड परिसर में अवैध कब्जा कर रहे दुकानदारों पर बुलडोजर चलाया गया. हालांकि नगर परिषद के बुलडोजर को देखकर अतिक्रमणकारियों द्वारा दुकानों को हटाया जाने लगा. इसलिए ज्यादा समान आदि की बर्बादी नहीं हुई. मालूम हो कि लगातार दुकानदारों द्वारा मुख्य सड़क पर समान आदि लगाया जा रहा था, जिससे सड़कें संकरी हो रही थी. वाहन आदि लगाने में भी शहरवासियों को परेशानी हो रही थी. इसको लेकर तीन-चार दिन पहले भी नगर परिषद द्वारा शहर में घुमकर अवैध अतिक्रमण हटाये जाने को लेकर चेतावनी दी गयी थी. बताया गया था कि सोमवारी खत्म होने के बाद अतिक्रमणरियों पर शिकंजा कसा जाएगा. इसको लेकर गुरुवार को कार्रवाई दी गयी. परंतु सवाल यह है कि क्यों नहीं ऐसे फुटपाथियों को दुकान आदि लगाने की व्यवस्थित जगह प्रदान की जाती है. नगर परिषद द्वारा शहर के एनएच 133 से सटे फुटपाथ आदि स्थानों की बंदोबस्ती कर दी गयी है. लेसीधारक दुकानदारों से राजस्व वसूल कर रहे हैं, तो ऐसे में फुटपाथ दुकानदार कहां गलत हैं. एक तरफ नगर परिषद द्वारा बंदोबस्ती कर राजस्व की वसूली की जाती है, तो दूसरी तरफ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाती हैं, जिससे दुकानदारों की रोजी रोटी कमाने का जरिया समाप्त हो जाता है.
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