सीएस अनंत झा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महागामा के एनआरएचएम के तहत जेएसवाइ लाभार्थियों को इंसेंटिव भुगतान के क्रम में पायी गयी अनियमितता बरतने पर जांच होने तक रेफरल अस्पताल महागामा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के दायित्व से मुक्त कर दिया है. इसके साथ ही संबंधित मामले की पूरी जांच होने तक डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा एवं लिपिक प्रदीप कुमार सिंह को अगले आदेश तक वित्तीय कार्य से मुक्त करते हुए क्रमशः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठाकुरगंगटी एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोआरीजोर में प्रतिनियुक्ति किया गया है. सीएस ने डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा (चिकित्सा पदाधिकारी) एवं प्रदीप कुमार सिंह (लिपिक) को पत्र प्राप्ति के साथ अपने-अपने प्रतिनियुक्त संस्थान में योगदान करने का निर्देश दिया है. चिकित्सा पदाधिकारी को संस्थान के सभी रोकड़-बही का प्रभार संस्थान में पदस्थापित वरीय चिकित्सक डॉ अर्चना मिश्रा को सौंपने का निर्देश दिया है. मालूम हो कि पिछले दिनों सोशल मीडिया पर चल रहे लेबर रूम में अनियमितता संबंधित खबर को लेकर सीएस अनंत झा व डीसीएलआर मिथिलेश कुमार चौधरी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महागामा का निरीक्षण किया था. इस दौरान लेबर रूम के निरीक्षण में काफी अव्यवस्था पायी गयी थी, जहां पूरी तरह से गंदगी फैली हुई थी. दो भवनों के बीच से पानी टपक रहा था, जिसके कारण पानी का जमाव था. तीन कमरों में प्रसव विभाग का संचालन किया जा रहा था. बेड का सभी गद्दा काफी खराब हो चुका था. कोई भी कर्मी अपने ड्रेस कोड में नहीं था. बच्चे का वजन मापने की मशीन खराब थी. सीएस ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को सफाई कार्य पूर्ण कराने एवं जो कर्मी ड्रेस में नहीं हैं, उनसे स्पष्टीकरण पूछा. दो भवनों के बीच पानी टपक रहे पानी को लेकर बीडीओ से संपर्क स्थापित करने को कहा है. जिला स्तर से महागामा अस्पताल को 18 गद्दा उपलब्ध कराया गया एवं प्रसव कक्ष प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि सभी गद्दा को बदलें एवं प्रत्येक दिन नया बेडशीट लगाना सुनिश्चित करें. बच्चे का वजन मापने वाले डिजिटल मशीन उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया है. साथ ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि डॉक्टर सीमा हीरो महिला चिकित्सा पदाधिकारी को लेबर रूम का इंचार्ज बनायें. प्रत्येक गर्भवती माता को महिला चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा चेकअप किया जाये एवं बिना चिकित्सा पदाधिकारी के रेफर किये गर्भवती महिला को रेफर नहीं किया जाये. यदि गर्भवती माता को सिजेरियन की आवश्यकता पड़ती है, तो उस मरीज को सदर अस्पताल गोड्डा रेफर करें. सीएस ने निर्देश दिया है कि सभी ममता वाहन के मालिकों एवं चालकों के साथ बैठक कर स्पष्ट निर्देश देने को कहा है कि यदि किसी भी ममता वाहन चालकों की संल्पितता मरीजों को निजी क्लीनिक भेजने में पायी जाती है, तो उनका एमओयू समाप्त कर कार्रवाई की जाये. निरीक्षण में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं पूर्णिमा सिन्हा स्टाफ नर्स द्वारा बताया गया कि अर्चना कुमारी स्टाफ नर्स जो प्रसव कक्ष में कार्यरत हैं, उनकी निजी क्लीनिक में गर्भवती को भेजने में उनकी संलिप्तता पायी गयी है. इसको लेकर उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया है. पूर्व में भी स्टाफ नर्स मीना कुमारी के द्वारा ऐसा मामला देखा गया था. बताया गया कि सफाई कर्मी एवं ममता वाहन के चालकों द्वारा भी मरीज को बरगलाकर निजी क्लीनिक जाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है. इसलिए स्टाफ नर्स अर्चना कुमारी व मीना कुमारी को लेबर रूम से हटकर ओपीडी में ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया गया है.
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