बोआरीजोर. राजमहल कोल परियोजना के खनन क्षेत्र का निरीक्षण इनमौसा संगठन के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने गुरुवार को किया. इनमौसा के जनरल सचिव पीएन मिश्रा ने बताया कि कोयला खनन क्षेत्र में कार्य करने वाले माइनिंग सरदार एवं ओवरमैन का संगठन है. इसका मुख्य उद्देश्य सुरक्षित रूप से कोयला का उत्पादन करना व जीरो दुर्घटना का लक्ष्य बनाकर कोयला खनन का कार्य करना है. साथ ही कोल इंडिया के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करना भी है. कोयला खनन कार्य में ब्लास्टिंग की गुणवत्ता अच्छी तरह से हो, ब्लास्टिंग से किसी का भी नुकसान नहीं हो, इस पर ध्यान देने की जरूरत है और क्षेत्र में प्रदूषण में नियंत्रण हो प्रदूषण से क्षेत्र प्रभावित नहीं हो, इस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है. संगठन के सदस्यों ने निरीक्षण करते हुए निर्देश दिया कि डीजीएमएस के सभी नियमों का पालन सही ढंग से किया जाये और कार्यरत कर्मी को पदोन्नति समय पर दिया जाये. मूलभूत सुविधा प्रदान किया जाये और खनन क्षेत्र में चलने वाली बड़ी-बड़ी गाड़ी का मेंटेनेंस सही ढंग से किया जाये, ताकि ऑपरेटर को गाड़ी चलाने में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो औैर रैयत को सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित किया जाये. संगठन का मुख्य कार्य कोयला उत्पादन सुरक्षित तरीका से किये जाने की जानकारी दी गयी. उत्पादन में किसी भी तरह की कमी रहती है, तो उसमें सुधार करना होता है. इसीएल क्षेत्र के विभिन्न खदान क्षेत्र के सदस्यों ने भी निरीक्षण किया. इस दौरान संगठन के सदस्यों ने परियोजना के राजमहल हाउस में बैठक किया एवं सुरक्षा एवं कोयला उत्पादन के बारे में विस्तार से चर्चा की. मौके पर विजय सिंह, समीर चक्रवर्ती, सुकेन राय चौधरी, डीके पांडे, सुशील कुमार, एमएन चौबे, सुकांतो मुखर्जी, कालीचरण चटर्जी, लालचंद जसवारा, नवल पासवान, राजेश पांडे, भवानी मुखर्जी, महेंद्र यादव, शीतल यादव, मनोज सिन्हा, जयंत मित्र, जयराम सिंह, धर्मेंद्र ठाकुर, अरविंद कुमार, एमएन खान आदि उपस्थित थे.
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