गोड्डा शहर के प्रोफेसर कॉलोनी मुहल्ले में बीते 15-17 दिनों से जमा बारिश के पानी की निकासी का रास्ता नहीं निकाला जा सका है. फलत: गुरुवार को मुहल्ले की महिलाओं के सब्र का बांध टूट गया. आक्रोशित महिलाओं ने पानी निकासी की मांग को लेकर गोड्डा-भागलपुर मार्ग को जाम कर दिया. जिस जगह पर पूर्व से निकासी होता था, महिलाओं ने उसी स्थल का चयन किया और मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. तकरीबन दो दर्जन की संख्या में पहुंचीं महिलाएं मुख्य सड़क के बीचोबीच बैठ गयी और पानी निकासी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगी. महिलाओं ने दिन के एक बजे से जाम कर दिया गया. जाम के कारण दोनों ओर से वाहनों का परिचालन बंद हो गया. जाम में कई वाहनों घंटों फंसे रह गये. हालांकि, प्रदर्शनकारियों द्वारा एंबुलेंस व स्कूल की वाहनों को छूट दी गयी थी. इस बीच लोगों को काफी परेशानी हुई. जैसे-तैसे लोग वैकल्पिक मार्ग से बचते-बचाते निकलते दिखे. देर शाम भी मामले को लेकर हल निकालने का प्रयास किया गया. सीओ अनिल रविदास, नगर प्रशासक गोपी कृष्ण सहित सीआइ पंकज कुमार व नगर थाना की पुलिस घंटों इस मामले में माथा-पच्ची करती रही. खबर लिखे जाने तक मामले का हल नहीं निकाला जा सका था. वहीं बारिश होने पर मुहल्ले की स्थिति और भी नारकीय हो गयी है. रहने लायक नहीं बचा है. लोग पानी में प्रवेश कर अपने घरों तक पहुंच रहे हैं.
क्या है मुहल्ले वासियों की परेशानी :
इस मामले को प्रभात खबर में प्रमुखता से छापा गया है. मुहल्ले में घरों में बारिश का पानी जमा है. पानी की निकासी नहीं हो पा रही है. मुहल्ले की सड़कें पानी से लबालब भरी है. समस्या पानी के निकासी को लेकर है. जहां से पहले पानी की निकासी होती थी, अब उस रास्ते को बंद कर दिया गया है. इसलिए पानी का निकास बंद हो गया है. एक बड़े से एरिया में पानी डंप है. बारिश होने पर पानी का लेवल बढ़ जाता है. घर से गंदे पानी का निकास होने के बजाय अब गली व सड़क का गंदा पानी घरों में प्रवेश कर रहा है. लोगों को घर में रहने के लिए जगह नहीं है. कई ऐसे परिवार हैं, जो इस नरक से बचने के लिए अपने घर को छोड़कर भाड़े के मकान में रह रहे हैं. उनके लिए यह त्रासदी से कम नहीं है. मुहल्ले के लोग इसका दंश झेल रहे हैं. इसलिए इस बार महिलाओं ने मामले में मोर्चा खोलते हुए दहलीज से बाहर स्वयं मोर्चा संभाला है.प्रदर्शन के आगे बेबस दिखा प्रशासन, दिनभर होती रही माथा-पच्ची:
इस मामले में समस्या यह है कि जहां से पानी का निकासी होना है. वह जमीन रैय्यत का है. रैय्यत पानी की निकासी को लेकर जमीन देने को तैयार नहीं हैं. मामले का हल निकालने पहुंचे नगर प्रशासक गोपीकृष्ण से रैयत की बहस हो गयी. जैसे-तैसे मामले को संभाला गया. देर शाम तक मामले को लेकर किचकिच होती रही. उधर प्रभावित परिवार मांगों को लेकर सड़क पर डटा रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है