कन्हवारा नाग मंदिर में रविवार को अंतिम दिन नाग पूजा किया गया. तकरीबन 15 दिनों से चले आ रहे नाग पूजा का समापन रविवार को हो गया. मालूम हो कि पूजा की शुरूआत आद्रा नक्षत्र के शुरू होने के साथ होती है. अंतिम दिन भगवान नाग देवता को गंगाजल, दूध आदि से नहाया गया. तदुपरांत पूजन किया गया. मंदिर के पूजारी अशोक मांझी ने बाबा की विधि-विधान से पूजा की. एक दिन पहले नाग देवता को तकरीबन तीन क्विंटल दूध का खीर चढ़ाया गया था. बाद में ब्राह्मणों के बीच खीर का प्रसाद ग्रहण कराया गया. रविवार को अंतिम दिन पूरे विधि-विधान से नाग देवता की पूजा की गयी. पूजा के उपरांत श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर का पट खोल दिया गया. तकरीबन एक दर्जन गांवों से लोग नाग देवता के पूजन के लिए कन्हवारा गांव पहुंचे. वहां डलिया आदि में रखकर बाबा को लड्डू, बताशा आदि चढाया गया. पूरे गांव में हजारो-हजार लोगों की भीड़ जुट गयी. गोड्डा शहर सहित आसपास गांवों के हजारों हजार लोग बाबा के दर्शन के लिए कन्हवारा गांव पहुंचे, जहां बाबा की पूजा अर्चना की. पूजा समिति की ओर से मंदिर परिसर में वॉलेंटियर की तैनाती की गयी थी. सरकारी पूजा के बाद मंदिर में पूजा के लिए काफी लोगों की भीड़ जमा हो गयी थी. पूजा के दौरान हो रही भीड़ को नियंत्रित करने में पूजा समिति के प्रदीप सिंह सहित मुखिया प्रतिनिधि गुड्डू राउत, पूर्व मुखिया परमानंद साह, अशोक कुमार मांझी आदि लगे रहे. वहीं संचालनकर्ता के तौर पर विकास कुमार, श्रीकांत मांझी, पवन साह, पुजारी श्री मांझी के परिवार के कई सदस्यगण व कई युवा पूजा के सफल आयोजन में जोरशोर से लगे रहे.
गांव में मेले सा माहौल :
हजारों की भीड़ जमा होने के बाद गांव में मेले का माहौल हो गया. जगह-जगह बच्चों के झूले आदि का इंतजाम किया गया था. वहीं कन्हवारा से लेकर कन्हवारा गांव जाने वाले पुल तक प्रसाद व चाट आदि का दुकान लगाया गया था. भारी संख्या में महिला व पुरुष पूजा करने के लिए पहुंचे थे. बारिश के कारण मौसम भी खुशनुमा हो गया था. इसलिए भीड़ आदि को गर्मी की भी परेशानी नहीं हुई. भीड़ आदि को देखते हुए पुलिस कर्मियों को लगाया गया था. भीड़ के कारण महिलाओं को पूजा करने में परेशानी हुई. लेकिन फिर भी परेशानी पर श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में पहुंचकर डलिया चढ़ाया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है