महागामा थाना परिसर में नये अपराध कानून को लेकर शांति समिति सदस्यों के साथ एसडीपीओ चंद्रशेखर आजाद की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुआ. इस दौरान पुलिस निरीक्षक उपेंद्र कुमार महतो, थाना प्रभारी शिवदयाल सिंह, एसआइ मनोज पाल सहित विभिन्न पार्टी के प्रतिनिधि व पंचायत जनप्रतिनिधि मौजूद थे. बैठक में एसडीपीओ ने नये आपराधिक कानून की जानकारी देते हुए कहा आपराधिक कानून बीते एक जुलाई सोमवार से लागू हो चुका है. इसमें मानव अधिकारों व मूल्यों को ध्यान में रखा गया है. नये कानून में अब भारतीय दंड न्याय संहिता 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू किया गया है. इस कानून में दंड की जगह न्याय पर विशेष बल दिया गया है. इन्होंने कहा कि न्याय पर केंद्रित तीनों नये आपराधिक कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पुलिस पूरी तरह से तैयार है. कहा कि आमलोगों को भी वीडियो, फोटो, इंफोग्राफिक्स, पंपलेट आदि माध्यमों से नये कानून के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा तथा इससे जुड़ी भ्रांतियों को भी दूर किया जा रहा है. कहा कि नये कानून में डिजिटल तौर पर एफआइआर, नोटिस, समन, ट्रायल, रिकॉर्ड, फारेंसिक, केस डायरी एवं बयान आदि को संग्रहित किया जायेगा. तलाशी और जब्ती के दौरान वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी के लिए पुलिस के सभी अनुसंधान कर्ताओं को लैपटॉप और मोबाइल उपलब्ध कराये जाएंगे. एसडीपीओ ने कहा कि नागरिक व पीड़ित तीन नये आपराधिक कानून, व्यक्तिगत, अभिव्यक्ति के स्वतंत्रता की गारंटी देता है. नये कानूनों में समानता और निष्पक्षता के साथ-साथ न्याय पर बल दिया गया है. इससे सभी के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जा सके. महिलाओं और बच्चों के लिए भी नये प्रावधान किये गये है. वहीं अपराध एवं दंड को नये तरीके से परिभाषित किया गया. नये कानून से त्वरित न्याय मिलेगा. बैठक में मृत्युंजय सिंह, हारून रशीद, निर्मल दास, उपेंद्र सिंह, रंजना झा, मुखिया हबीब आलम, इमरान आलम सहित दर्जनों लोग मौजूद थे.
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