गोड्डा के शांतिनगर बजरंगबली परिसर में बुधवार से श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ शुरू हो गया. कथा के पहले दिन अहले सुबह महिलाओं ने कलश शोभा यात्रा निकाली. शांतिनगर बजरंगबली मंदिर से महिलाओं ने पैदल शिवपुर मंदिर पहुचकर कलश में जल भरा और विभिन्न मुख्य मार्गों से गुजरता हुआ यज्ञ स्थल पहुंचा. इस दौरान हो रहे जयघोष से आसपास का वातारण आध्यात्मिक हो गया. कलश पूजन के उपरांत कथा वाचक गोविंद शरण जी महाराज ने पहले दिन श्रीमद्भागवत कथा के महात्म्य पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि कलिकाल में श्रीमद्भागवत कथा ही जीव के उद्धार का कारक है. श्रीमद्भागवत महापुराण समस्त वेदों का सार है. इसकी कथा को श्रवण करने के लिए देवता भी लालायित रहते हैं. कलिकाल के आगमन के समय ही राजा परीक्षित को कलयुग के कोप का भाजन बनना पड़ा था. राजा परीक्षित कलियुग को सोना, वेश्यालय, मदिरालय आदि स्थानों में रहने की आज्ञा दी. कलश शोभा यात्रा में बेणु चौबे, सरिता तिवारी, बबीता झा, सोनी झा, गूंजन चौधरी, अंजू कुमारी, किरण देवी, अनुराधा देवी, पूर्णिमा देवी, शिवानी झा, गायत्री देवी, वंदना देवी, श्वेता किरणा आदि शामिल थी. कार्यक्रम को सफल बनाने में गौरीशंकर चौबे, अनिल, बबलू, राकेश, पुरुषोत्तम चौधरी, राजीव झा आदि अहम भूमिका निभा रहे हैं.
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