राजमहल कोल परियोजना के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचकर इसीएल के तकनीकी निदेशक निलाद्री राय ने परियोजना के खनन क्षेत्र बंसडीहा साइड, लौहंडिया साइड, बीएलएस साइड, तालझारी साइड एवं डिप माइंस का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान परियोजना के महाप्रबंधक एएन नायक को कई निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि सुरक्षा को ध्यान में रखकर कोयला खनन का कार्य करें तथा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करें. राजमहल परियोजना सबसे बड़ी खुली परियोजना है. इसीएल का कोयला उत्पादन राजमहल परियोजना पर अत्यधिक निर्भर रहता है तथा खनन के दौरान सुरक्षा पर भी अवश्य ध्यान दें. सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करना मजदूरों का कर्तव्य एवं दायित्व है. निदेशक ने हुर्रासी खनन क्षेत्र का भी निरीक्षण किया एवं प्रबंधक केके सिंह को निर्देश देते हुए कहा कि कोयला खनन के साथ-साथ क्षेत्र के विकास पर भी ध्यान दें. इस दौरान एनटीपीसी के निर्देशक रविंद्र कुमार ने इसीएल के तकनीकी निदेशक को गुलदस्ता देकर सम्मानित किया. तकनीकी निदेशक नवनिर्माण सेलो का भी निरीक्षण किया तथा गुणवत्तापूर्ण ढंग निर्माण करने का नसीहत दी. डुमरिया कद्दू टोला पुनर्वास का निरीक्षण करते हुए कहा कि पुनर्वास कार्य में तेजी लायें एवं पुनर्वास स्थल पर सारी मूलभूत सुविधा उपलब्ध करें. ताकि इस पुनर्वास स्थल को मॉडल पुनर्वास स्थल बनाया जा सके. निदेशक द्वारा राजमहल हाउस में परियोजना के पदाधिकारी एवं प्राइवेट कंपनी के पदाधिकारी के साथ समीक्षात्मक बैठक की एवं कोयला के उत्पादन डिस्पैच क्षेत्र के विकास के साथ-साथ पुनर्वास स्थल के बारे में विस्तार से चर्चा किया. क्षेत्र के रैयत को विश्वास में लेकर परियोजना को विस्तार करने के लिए भी निर्देश दिया. परियोजना के ओसीपी कार्यालय में बीपीसीएल के डीजल डिस्पेंसिंग यूनिट का नारियल फोड़कर उद्घाटन किया. मौके पर प्रोजेक्ट ऑफिसर सतीश मुरारी, मोहित कुमार चंदेल, ओपी चौधरी, डीके वर्मा, प्रणव कुमार आदि उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है