राजमहल कोल परियोजना के एरिया कार्यालय लौहांडिया बाजार के सैकड़ों ग्रामीण शोभा यात्रा के माध्यम से पहुंचकर परियोजना के पदाधिकारी प्रणव कुमार को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों ने कहा कि यह गांव परियोजना के खनन क्षेत्र से महज 30 मीटर की दूरी पर बसा हुआ है. इसके बगल में प्रबंधन द्वारा डीप माइनिंग का कार्य किया जाता है. गांव के ग्रामीण हैवी ब्लास्टिंग एवं कोयला धूलकण से प्रभावित होते हैं. गांव के ग्रामीणों को प्रबंधन द्वारा मूलभूत सुविधा नहीं दी जा रही है. प्रबंधन ग्रामीणों का शोषण कर रहे हैं, जबकि तेतरिया, बलिया, डकैता, लालघुटवा, नीमाकला, हिजूकिता, बड़ा सिमरा, बसडीहा, बागजोड़ी, लौहांडिया बस्ती, चित्रकोठी आदि गांवों में प्रबंधन बिजली दे रही है. लौहंडिया बाजार के ग्रामीण के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. यह सभी गांव खनन क्षेत्र से दूरी पर स्थित है, जबकि लौहंडिया बाजार गांव खनन क्षेत्र से सटा हुआ है. ग्रामीणों ने जोर देकर कहा कि प्रबंधन अगर 14 दिनों के अंदर गांव के ग्रामीणों को बिजली उपलब्ध नहीं कराती है, तो ग्रामीण परियोजना के खनन क्षेत्र को बंद करते हुए धरना-प्रदर्शन करेंगे. इसकी सारी जिम्मेवारी प्रबंधन की होगी.
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