सर्पदंश के बाद बिना देर किये मरीज को शीघ्र अस्पताल लायें, क्योंकि सर्पदंश का इलाज एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन ही है. जिले के सभी अस्पतालों में सर्पदंश से लोगों के बचाने के लिए एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध हैं. क्योंकि अभी मौसम बरसात का है. इस मौसम में सांप घूमते मिलते हैं और घर में भी घुस जाते हैं. बता दें कि गुमला जिले के सभी 11 प्रखंडों के अस्पतालों में काफी संख्या में इंजेक्शन उपलब्ध हैं. सिर्फ जारी प्रखंड में अस्पताल नहीं है.
जारी प्रखंड के मरीजों को चैनपुर, डुमरी या फिर जशपुर इलाज के लिए जाना पड़ता है. स्वास्थ्य विभाग गुमला ने लोगों से अपील की है कि सर्पदंश के बाद मरीज को नजदीक के अस्पताल ले जाकर एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन लगवायें. इससे सांप के जहर को खत्म किया जा सकता है.
गुमला : सदर अस्पताल में 300 पीस एंटी स्नेक इंजेक्शन
भरनो : भरनो अस्पताल में आठ पीस एंटी स्नेक इंजेक्शन
बिशुनपुर : स्वास्थ्य केंद्र में 20 पीस एंटी स्नेक इंजेक्शन
सिसई : रेफरल अस्पताल में 35 पीस एंटी स्नेक इंजेक्शन
रायडीह : सीएचसी रायडीह में 25 पीस एंटी स्नेक इंजेक्शन
बसिया : रेफरल अस्पताल में 100 पीस एंटी स्नेक इंजेक्शन
पालकोट : सीएचसी पालकोट में 10 एंटी स्नेक इंजेक्शन
डुमरी : सीएचसी डुमरी में 310 पीस एंटी स्नेक इंजेक्शन
घाघरा : सीएचसी घाघरा में 100 पीस एंटी स्नेक इंजेक्शन
चैनपुर : सीएचसी चैनपुर में 40 पीस एंटी स्नेक इंजेक्शन
सर्पदंश मामले में सांप जहरीला हो या न हो. स्नेक एंटी वेनम इंजेक्शन बहुत प्रभावी होता है. अगर मरीज को समय पर अस्पताल लाया जाये, तो यह दवाई शरीर में पहुंचते जहर से मुकाबला कर सांप के जहर के प्रभाव को खत्म करने लगता है. सर्पदंश के बाद मरीज को तुरंत अस्पताल लायें, ताकि समय पर इंजेक्शन देकर उसकी जान बचायी जा सके.
डॉ अनुपम किशोर, उपाधीक्षक, गुमला सदर अस्पताल