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छत्तीसगढ़ प्रशासन ने 150 मजदूरों को झारखंड बॉर्डर पर छोड़ा, गुमला प्रशासन ने घर भिजवाया

छत्तीसगढ़ राज्य की प्रशासन ने 150 मजदूरों को झारखंड के बॉर्डर गुमला स्थित रायडीह प्रखंड के मांझाटोली चेकपोस्ट के पास लाकर छोड़ दिया. ये सभी मजदूर हजारीबाग, कोडरमा, चतरा, पलामू, गिरिडीह व बिहार के हैं. गुमला प्रशासन ने इन सभी मजदूरों की प्राथमिक जांच के बाद खाना खिलाया. वहीं बस की व्यवस्था कर सभी को उनके घर भिजवाया.

गुमला : छत्तीसगढ़ राज्य की प्रशासन ने 150 मजदूरों को झारखंड के बॉर्डर गुमला स्थित रायडीह प्रखंड के मांझाटोली चेकपोस्ट के पास लाकर छोड़ दिया. ये सभी मजदूर हजारीबाग, कोडरमा, चतरा, पलामू, गिरिडीह व बिहार के हैं. गुमला प्रशासन ने इन सभी मजदूरों की प्राथमिक जांच के बाद खाना खिलाया. वहीं बस की व्यवस्था कर सभी को उनके घर भिजवाया.

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छत्तीसगढ़ प्रशासन ने मजदूरों को कई ग्रुप में लाकर छोड़ा था. जहां चैनपुर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कुलदीप कुमार, रायडीह बीडीओ मिथिलेश कुमार सिंह, सीओ नरेश कुमार मुंडा व थाना प्रभारी संजय कुमार ने सभी मजदूरों को क्वारेंटाईन सेंटर ले जाकर नास्ता व भोजन कराया. मजदूर जिस जिला के रहने वाले थे. उन जिलों के मजदूरों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की गयी.

इस दौरान प्रभात खबर प्रतिनिधि दुर्जय पासवान ने छत्तीसगढ़ से आये दो मजदूरों रोहित कुमार व पिंटू कुमार राणा से बात की. ये दोनों मजदूर हजारीबाग के रहने वाले हैं. दोनों ने बताया कि उन लोगों को पिछले 30 दिनों से रायगढ़ के क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था. अब जब सरकार ने सभी प्रवासी लोगों को घर भेजने का निर्णय लिया तो छत्तीसगढ़ से झारखंड आ गये.

अब हजारीबाग अपने घर जायेंगे. घर में ही 14 दिन तक होम क्वारेंटाइन में रहेंगे. दोनों मजदूरों ने कहा कि कोरोना संकट में लगे लॉकडाउन से हमारी स्थिति खराब हो गयी है. एक तो रोजगार चला गया. ऊपर से घर जाने के लिए इतनी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

ट्रकों में ठूंसकर मजदूर ला रहे थे, गुमला प्रशासन ने लौटाया

इधर, छत्तीसगढ़ प्रशासन की लापरवाही भी देखने को मिली. छत्तीसगढ़ प्रशासन के द्वारा अवैध रूप से प्रवासी मजदूरों को सीमा पार कराने का प्रयास किया जा रहा है. शनिवार को चार ट्रकों में चार-चार मजदूरों को बैठाकर झारखंड में प्रवेश कराया जा रहा था. तभी गुमला प्रशासन ने जांच में पकड़ लिया और ट्रक समेत सभी मजदूरों को वापस छत्तीसगढ़ के जशपुर भेजवा दिया. गुमला प्रशासन के अनुसार इन मजदूरों के बिना जांच के झारखंड बॉर्डर पार कराया जा रहा था. मजदूरों से पूछताछ के दौरान पता चला कि उन्हें क्वारेंटाईन सेंटर में रखा गया था. परंतु उनका किसी प्रकार का मेडिकल कागजात नहीं बनाया गया और उन्हें चोरी छुपे झारखंड बॉर्डर पार कराने के लिए जबरदस्ती ट्रक पर चढ़ा कर भेज दिया गया. ये मजदूर छत्तीसगढ़ से बिहार जाने वाले थे.

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