गुमला : गुमला जिले के दर्जनों लोगों से चिटफंड कंपनी ने तीन करोड़, 17 लाख, छह हजार रुपये की ठगी की है. हालांकि भुक्तभोगियों के सामने आने पर ठगी का आंकड़ा और बढ़ सकता है. ठगी के शिकार लोगों ने करौंदी स्थित बगीचा में बैठक की. बैठक में भुक्तभोगियों ने कहा है कि कंपनी के पदाधिकारी व एजेंटों द्वारा तीन साल में डेढ़ गुणा व पांच साल में दोगुना पैसा देने का वादा कर ठगी की गयी है. मैच्योरिटी का समय पूरा होने के बाद हमें हमारा पैसा नहीं मिल रहा है. भुक्तभोगी कंपनी के झांसा में फंस गये. क्योंकि शुरू में कुछ लोगों को भुगतान तिथि पूरा होने पर उनका पेमेंट दे दिया गया.
इसके बाद हमलोगों ने अधिक पैसा जमा कर दिया. इसके बाद कंपनी के पदाधिकारियों द्वारा बताया जाता था कि यह कंपनी वित्त मंत्रालय से संचालित है. वहीं कंपनी द्वारा कई ग्रामीणों को बड़े-बड़े ऑफिस व घर दिखा कर भ्रम में डाला गया है. आज भी कंपनी के नाम से छत्तीसगढ़ व झारखंड के ग्रामीण इलाकों में जाकर बैठक करते है और पैसा जमा लिया जा रहा है. इस संबंध में पूर्व में भी जिले के कई वरीय पदाधिकारियों को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी गयी, पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
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भुक्तभोगियों ने बताया कि शुरू में यह चिटफंड कंपनी बासिल इंटरनेशनल लिमिटेड के नाम से चलती थी. इसके बाद वीएमसी केमिकल कंपनी के नाम से पैसा लिया जाने लगा. इसके बाद जेके पॉलिमर लिमिटेड, मिलानी टेक्नो इंजीनियरिंग लिमिटेड, मेटल एंड पेट्रोल मिनरल लिमिटेड के नाम से पैसा लिया जाने लगा. इसके बाद वर्ष 2016 से विकास म्यूचुअल बेनिफिट लिमिटेड व ज्योशन माइंस मेटल के नाम से पैसा लिया जाने लगा.
भुक्तभोगी ललित खड़िया ने कहा कि वर्ष 2009 में मेरे पास चिटफंड कंपनी के लोग आये थे. उस समय ये लोग बासिल इंटरनेशनल के नाम पर कंपनी चलाते थे और सरकारी लोगों दिखा कर मुझे भ्रम में डाल कर पैसा जमा करवाया था. मिलरेड मिंज ने कहा कि हमें ठगा गया है. मेरा पति फबियानुस बेंग वर्ष 2012 में फौज से रिटायर हुए थे. उनका 17 लाख रुपये जालसाजी कर जमा कर लिया गया और मैच्योरिटी पर नहीं लौटाया गया. इस सदमे से मेरे पति की मौत हो गयी. अब हमलोग काफी परेशान है. मजदूर अनुपम एक्का ने कहा कि हमारे पास कंपनी का एजेंट आकर 10 साल में पैसा चौगुणा करने का लालच दिया. इसके बाद मैंने अपनी मजदूरी का जमा पैसा एक लाख रुपये जमा किया था. इसके बाद से मुझे चक्कर कटवाया जा रहा है. अनूप एक्का ने कहा कि वर्ष 2007 में एजेंट आया और अपना परिचय देकर प्लान बताया और मुझसे 2.50 लाख रुपये जमा किया.
भुक्तभोगी का नाम पता राशि
विरेंद्र तिर्की पुग्गू राजनगर सात लाख
ललित खड़िया वृंदा वरटोली 17 लाख
करमा उरांव शास्त्री नगर आठ लाख
कार्तिक उरांव कुरूमगढ़ 19 लाख
अमित सुरीन कोलेबिरा तीन लाख
पवन दास अमगांव जारी तीन लाख
फबियानुस एक्का मेराल जारी चार लाख
बंधु सिंह केमटे रायडीह 20 लाख
इमिलिया एक्का राइपाट जशपुर 4.60 लाख
अनुपम एक्का राईपाट जशपुर 04.50 लाख
ब्रिस डुंगडुंग टूटीकेल कोलेबिरा 4.69 लाख
अजीत उरांव महुआटोली रायडीह 5 लाख
तेलेस्फोर कुजूर अंबाटोली जारी 2.67 लाख
मंगरा भगत कोलेंग पालकोट 2.60 लाख
पहलु उरांव पुग्गू करमडीपा 10 लाख
मथुरा साय कटिबा जारी 3.30 लाख
फलिंद्र उरांव सिलम रायडीह 6 लाख
इलिजावेत तिर्की कटकाया मांझाटोली 34.89 लाख
जोन बरवा बंझर जारी 10 लाख
अभय सिंह पुलुंग जारी 25 लाख
अनिल कुजूर छोटा जिलिंगा 29 हजार
क्रेसेनसिया कुजूर उर्मी नदीटोली 5 लाख
समीर डांग टुटीकेल कोलेबिरा 2.91 लाख
सुशील मिंज लोदाम जशपुर 10 हजार
निरंजन मिंज नवागढ़ रायडीह 7 लाख
मारवाड़ी खाखा नवाडीह 7.28 लाख
फ्रांसिस एक्का अमगांव जारी 12 लाख
हेमानी उरांव करौंदा 2.60 लाख
मिलरेड मिंज जोनपुर 17 लाख
अनूप एक्का किताम जारी 34 लाख
बेरनार्ड कुजूर गांधी नगर पालकोट 15 लाख
इरविन एक्का अमगांव जारी 3 लाख
मनकुमार मल्लाह केमटे रायडीह 28.46 लाख
प्रदीप उरांव देवडीह 8 लाख
जयराम लकड़ा सिलम 5 लाख
खुश्मन एक्का डुमरी 2.76 लाख
रती असुर सरहुल नगर 7 लाख
प्रदीप टोप्पो गुमला 1.57 लाख
बलमदीना गुमला 39 हजार
सुमित्रा कुमारी डुमरी 3 लाख
ललित कुजूर जारी 3.50 लाख
विक्रमादित्य सिंह रायडीह 10 लाख
कुल राशि : तीन करोड़, सात लाख, छह हजार रुपये