डुमरी प्रखंड के जुरमू साखू गांव निवासी गरीब किसान दाऊद किशोर मिंज (58) गरीबी व आर्थिक तंगी के कारण अपनी 15 वर्षीय बीमार बेटी आरती मिंज का इलाज कराने में असमर्थ है. उन्होंने प्रशासन से समुचित इलाज के लिए सहयोग की गुहार लगायी है. दाऊद मिंज ने बताया कि मेरी बेटी वर्तमान में उच्च विद्यालय रजावल की 10वीं कक्षा की छात्रा है. उसे 2016 से शुगर की बीमारी है. अस्पताल में पांच सालों से इलाज करा रहा हूं. फिर भी वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो पायी है.
गरीबी व आर्थिक तंगी के कारण उसका ढंग से इलाज नहीं हो पा रहा है. साथ ही खाने की व्यवस्था नहीं कर पाता हूं. हमलोग चार परिवार हैं. राशन कार्ड भी नहीं है. उन्होंने बताया कि मैं एक गरीब किसान हूं. खेतीबारी के अलावा कोई दूसरा आय का जरिया नहीं है. बेटी के इलाज व दवा के लिए मजदूरी भी करता हूं. पांच वर्षों से बेटी के इलाज के लिए दूसरे लोगों से भीख या उधारी मांग रहा हूं.
उसी भीख व उधारी की मांगें पैसे से बेटी का इलाज करता हूं. किसी को रहम आ जाती है, तो कुछ आर्थिक मदद करते हैं. कभी-कभी पैसे की व्यवस्था नहीं होने पर खाने के लिए रखे धान बेच कर या सपरिवार भूखे रह कर बेटी के इलाज के लिए पैसा व खाने के गेहूं की व्यवस्था करता हूं. तब जाकर उसका इलाज हो पाता है. उसके इलाज में हर महीना दो हजार रुपये का दवा लेनी पड़ती है. उसे हर दिन इंसुलिन का दो इंजेक्शन पड़ता है. तब जाकर वह जिंदा हैं. उन्होंने प्रशासन से बेटी की बेहतर इलाज के लिए सहयोग करने और राशन कार्ड बनवा देने मांग की है.