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गुमला में डीलरों के घर पहुंच हस्ताक्षर करा रहा है अनाज घोटाला का माफिया

घोटाले में शामिल माफिया के नजदीक रहने वाले पांच डीलरों ने सादे कागज पर हस्ताक्षर किया है, जबकि कई डीलरों ने हस्ताक्षर करने से साफ इंकार कर दिया है.

गुमला में अब अनाज घोटाले के मामले को दबाने व सेटिंग-गेटिंग करने का खेल चल रहा है. डीलरों से एक सादे कागज पर हस्ताक्षर कराया जा रहा है कि अगस्त माह के अनाज की कटौती नहीं की गयी है. हालांकि, अभी तक मात्र पांच राशन डीलरों ने हस्ताक्षर किया है, जबकि गुमला शहर व ग्रामीण क्षेत्र में 100 से अधिक डीलर हैं. एक डीलर ने बताया कि अनाज घोटाला करने वाले माफिया हर डीलर के घर पहुंच उनसे सादे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बना रहा है.

साथ ही हस्ताक्षर नहीं करने पर झूठे आरोप में लाइसेंस रद्द कराने की धमकी दी जा रही है. ऐसे घोटाले में शामिल माफिया के नजदीक रहने वाले पांच डीलरों ने सादे कागज पर हस्ताक्षर किया है, जबकि कई डीलरों ने हस्ताक्षर करने से साफ इंकार कर दिया है. दर्जनों डीलरों ने स्पष्ट कहा है कि हमलोग क्यों हस्ताक्षर करें. अगस्त, सितंबर व नवंबर माह का अनाज कम मिला है. गोदाम की देख-रेख करने वाले व्यक्ति ने किस हिसाब से अनाज काटा है.

साथ ही काटे गये अनाज कहां गया. इसकी जानकारी गोदाम की देख-रेख करने वाला अधिकारी या कर्मचारी दें. इधर, शुक्रवार को गुमला के दो अधिकारियों ने गोदाम में जाकर अनाज वितरण व घोटाले की जांच की. हालांकि जांच के दौरान उस कर्मचारी को साथ रखा गया, जिसके ऊपर अनाज घोटाला करने व डीलर से पैसा लेने का आरोप लगा है. बता दें कि गुमला में सैकड़ों क्विंटल अनाज का घोटाला हुआ है, जिसमें गोदाम में 12 वर्षों से सक्रिय एक व्यक्ति शामिल है. जबकि कुछ अधिकारी भी इसमें शामिल हैं.

यहां तक की एक अधिकारी के ड्राइवर को महीने का मानदेय भी अनाज कटौती से कमाई होने वाला पैसा दिया जाता है. हालांकि, पूर्व के एक अधिकारी ने महीने का पैसा लेने से इंकार कर दिया था. परंतु, उसके बाद जो अधिकारी आये, उनके ड्राइवर का खर्च अनाज घोटाले के पैसे से दिया जाता रहा है. दूसरी और अनाज घोटाले का मामला राज्य के मुख्य सचिव तक पहुंच गया है. बताया जा रहा है कि अनाज घोटाले को प्रभावित करने के लिए सक्रिय माफिया पूरी तरह हावी हो गया है.

सूत्रों से पता चला है कि जिन पांच डीलरों ने माफिया को बचाने के लिए सादे कागज पर हस्ताक्षर किये है, ये पांचों डीलर ग्रामीण क्षेत्र के हैं. शहरी क्षेत्र के डीलरों ने हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है. सांसद प्रतिनिधि भोला चौधरी ने कहा है कि निष्पक्ष अधिकारी से मामले की जांच हो. क्योंकि जिस प्रकार अनाज घोटाले का माफिया सक्रिय हो गया है. इससे जांच प्रभावित हो सकती है. साथ ही डीलरों को धमकी देकर हस्ताक्षर कराने के मामले की भी जांच हो.

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