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यूपी से लापता झारखंड की एतबरिया कैसे पहुंची नेपाल, सीएम हेमंत सोरेन ने ली सुध, अब लौट रही घर

गुमला की एतबरिया अब 32 वर्ष की हो गई है. 20 वर्ष की उम्र में वह अपने पिता बिरसा उरांव के साथ एक ईंट भट्टे पर काम करने के लिए उत्तर प्रदेश गई थी. वहीं से वह खो गई थी. इससे संबंधित मामला यूपी के गोरखपुर थाने में दर्ज कराया गया था. नेपाल से हेमंत सोरेन सरकार उसे वापस ला रही है.

Jharkhand News, रांची न्यूज : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर लगातार अपने परिजनों से बिछड़े और मानव तस्करी के शिकार लोगों को मुक्त कराने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री की पहल पर गुमशुदा आदिवासी बेटी एतबरिया उरांव को सुरक्षित नेपाल से रेस्क्यू कर झारखंड लाया गया है. इसी के साथ लोहरदगा के भंडरा प्रखंड के मसमानो गांव निवासी एतबरिया का 12 वर्ष का वनवास समाप्त हुआ. अब वह अपने घर में रहेगी.

एतबरिया अब 32 वर्ष की हो गई है. 20 वर्ष की उम्र में वह अपने पिता बिरसा उरांव के साथ एक ईंट भट्टे पर काम करने के लिए उत्तर प्रदेश गई थी. वहीं से वह खो गई थी. इससे संबंधित मामला यूपी के गोरखपुर थाने में दर्ज कराया गया था. एतबरिया के पिता अब नहीं रहे. गुजरते समय के साथ उसकी मां और परिवार के अन्य सदस्यों ने उसके लौटने की सारी उम्मीदें खो दी थीं.

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एतबरिया के नेपाल में होने की जानकारी एक आश्रम द्वारा ट्वीट के माध्यम से दी गई थी. साथ ही हरियाणा पुलिस के एएसआई राजेश कुमार को भी अन्य मामले की जांच के दौरान एक नेपाली समाजसेवी ने एतबरिया की जानकारी दी थी. इसके बाद मुख्यमंत्री और मंत्री चंपई सोरेन ने ट्वीट मामले को झारखंड राज्य प्रवासन नियंत्रण कक्ष के संज्ञान में देते हुए एतबरिया को वापस झारखंड लाने का आदेश दिया. टीम हरकत में आई और उसकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए नेपाल और भारत के दूतावासों के साथ समन्वय बनाया गया. एतबरिया का उसकी मां और बड़ी बहन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर यह पुष्टि हुई कि वह स्वर्गीय बिरसा उरांव की बेटी है. तब राज्य प्रवास नियंत्रण कक्ष द्वारा नेपाल से एतबरिया को सफलतापूर्वक भारत लाया गया. 3 सितंबर 2021 को वह काठमांडू से आईजीआई हवाई अड्डा नई दिल्ली पहुंची. यहां से उसे वापस रांची लाकर लोहरदगा स्थित उसके गांव पहुंचाया जाएगा.

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एतबरिया की बड़ी बहन खुश है. कहती है कि हमने उसके लौटने की सारी उम्मीदें खो दी थीं. यूपी से वह गायब हुई थी. बाद में उसे हरियाणा ले जाया गया थी. तब से हम उससे नहीं मिल सके थे. पहले भी हमने मदद मांगी थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. कुछ दिन पहले सरकार के लोगों ने मेरी मां से संपर्क किया और उन्हें मेरी बहन के बारे में बताया. मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद. सरकार के एक अधिकारी हमें दिल्ली ले गए,जहां मैं अपनी खोई बहन से मिल सकी. मैं उसे वापस देखकर खुश हूं.

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मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उपायुक्त लोहरदगा ने बताया कि एतबरिया को COVID-19 वैक्सीन की दोनों खुराक दी गई है.  एहतियात के तौर पर हम उसका और उसके परिवार के सदस्यों का COVID-19 परीक्षण करवाएंगे. इसके अतिरिक्त हम उसे राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के सभी लाभों आच्छादित करेंगे.  मैंने संबंधित बीडीओ से उसके घर की स्थिति और अन्य के बारे में रिपोर्ट मांगी है. जरूरत पड़ने पर उन्हें सबसे पहले घर और राशन कार्ड मुहैया कराया जाएगा.

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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार मानव तस्करी से हरेक झारखंडवासी को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है. हमने इस खतरे को पहले ही काफी झेला है, लेकिन अब और नहीं. यदि मामला तस्करी से जुड़ा है, तो मैं तस्करों को झारखंड से दूर रहने की चेतावनी देता हूं अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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